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Tuesday, 31 October 2017

पटवारी विशेष पंचायती व्यवस्था part 2 (by Vikram Sir)

 पटवारी विशेष पंचायती व्यवस्था part 2
💐बलवंतराय मेहता समिति💐
भारत में “पंचायती राज” की स्थापना के उद्देश्य से ही भारत सरकार ने बलवंतराय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की थी. इस समिति ने भारतीय लोकतंत्र की सफलता के लिए लोकतंत्र की इमारत को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. इसके लिए उसने प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को लागू करने की सिफारिश की. इस समिति ने निम्नलिखित सुझाव दिए –

i) सरकार को अपने कुछ कार्यों और उत्तरदायित्वों से मुक्त हो जाना चाहिए और उन्हें एक ऐसी संस्था को सौंप देना चाहिए, जिसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विकास के सभी कार्यों की पूरी जिम्मेदारी रहे. सरकार का काम सिर्फ इतना रहे कि ये इन संस्थाओं को पथ-प्रदर्शन और निरीक्षण करती रहे.

ii) लोकतंत्र की आधारशिला को मजबूत बनाने के लिए राज्यों की उच्चतर इकाइयों (जैसे प्रखंड, जिला) से ग्राम पंचायतों का अटूट सम्बन्ध हो. इसलिए, प्रखंड और जिले में भी पंचायती व्यवस्था को अपनाना आवश्यक है.

iii) प्रखंड-स्तर पर एक निर्वाचित स्वायत्त शासन संस्था की स्थापना की जाए जिसका नाम पंचायत समिति रखा जाए. इस पंचायत समिति का संगठन ग्राम पंचायतों द्वारा हो.

iv) जिला-स्तर पर एक निर्वाचित स्वायत्त शासन संस्था की स्थापना की जाए जिसका नाम जिला परिषद् रखा जाए. इस जिला परिषद् का संगठन पंचायत समितियों द्वारा हो.

2.ग्राम पंचायत
ग्राम पंचायत का गठन

a) सरपंच
ग्राम पंचायत की न्यायपालिका को ग्राम कचहरी कहते हैं जिसका प्रधान सरपंच होता है. सरपंच का निर्वाचन मुखिया की तरह ही प्रत्यक्ष ढंग से होता है, सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष है. उसे कदाचार, अक्षमता या कर्तव्यहीनता के कारण सरकार द्वारा हटाया भी जा सकता है. अगर 2/3 पञ्च सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास कर दें तो सरकार सरपंच को हटा सकती है. सरपंच का प्रमुख कार्य ग्राम कचहरी का सभापतित्व करना है. कचहरी के प्रत्येक तरह के मुक़दमे की सुनवाई में सरपंच अवश्य रहता है. सरपंच ही मुक़दमे को स्वीकार करता है तथा मुक़दमे के दोनों पक्षों और गवाहों को उपस्थित करने का प्रबंध करता है. वह प्रत्येक मुकदमे की सुनवाई के लिए दो पंचों को मनोनीत करता है. ग्राम कचहरी की सफलता बहुत हद तक उसकी योग्यता पर निर्भर करती है.

b) मुखिया
ग्राम पंचायत के अंतर्गत मुखिया का स्थान महत्त्वपूर्ण है. उसकी योग्यता तथा कार्यकुशलता पर ही ग्राम पंचायत की सफलता निर्भर करती है. मुखिया ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति के चार सदस्यों को मनोनीत करता है. मुखिया का कार्यकाल 5 वर्ष है. परन्तु, ग्राम पंचायत अविश्वास प्रस्ताव पास कर मुखिया को पदच्युत कर सकती है. पंचायत के सभी कार्यों की देखभाल मुखिया ही करता है. मुखिया अपनी कार्यकारिणी समिति की सलाह से ग्राम पंचायत के अन्य कार्य भी कर सकता है. ग्राम पंचायत में न्याय तथा शान्ति की व्यवस्था करने का उत्तरदायित्व उसी पर है. उसकी सहायता के लिए ग्रामरक्षा दल भी होता है. उसे ग्राम-कल्याण कार्य के लिए बड़े-बड़े सरकारी पदाधिकारियों के समक्ष पंचायत का प्रतिनिधित्व करने भी अधिकार है. वह ग्रामीण अफसरों के आचरण के विरुद्ध शिकायत भी कर सकता है.

c) पंचायत सेवक
प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक कार्यालय होता है, जो एक पंचायत सेवक के अधीन होता है. पंचायत सेवक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा होती है. उसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन भी मिलता है. ग्राम पंचायत की सफलता पंचायत सेवक पर ही निर्भर करती है. वह ग्राम पंचायत के के सचिव के रूप में कार्य करता है और इस नाते उसे ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के निरीक्षण का अधिकार है. वह मुखिया, सरपंच तथा ग्राम पंचायत को कार्य-सञ्चालन में सहायता देता है. राज्य सरकार द्वारा उसका प्रशिक्षण होता है. ग्राम पंचायत के सभी ज्ञात-अज्ञात प्रमाण पंचायत सेवक के पास सुरक्षित रहते हैं. अतः, वह ग्राम पंचायत के कागजात से पूरी तरह परिचित रहता है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पेश करता  है. संक्षेप में, ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के सम्पादन में उसका महत्त्वपूर्ण स्थान है.

d) ग्रामरक्षा दल
18 से 30 वर्ष के स्वस्थ युवकों से ग्रामरक्षा दल बनता है. गाँव की रक्षा के लिए यह दल होता है, जिसका संगठन ग्राम पंचायत करती है. चोरी, डकैती, अगलगी, बाढ़, महामारी इत्यादि आकस्मिक घटनाओं के समय यह दल गाँव की रक्षा करता है. इसका नेता “दलपति” कहलाता है.
●ग्राम पंचायत के कार्य ●
i) पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजनाएँ तैयार करना
ii) वार्षिक बजट तैयार करना
iii) प्राकृतिक आपदा में साहयता-कार्य पूरा करना
iv) लोक सम्पत्ति से अतिक्रमण हटाना
v) कृषि और बागवानी का विकास और उन्नति
vi) बंजर भूमि का विकास
vii) पशुपालन, डेयरी उद्योग और मुर्गीपालन
viii) चारागाह का विकास
ix) गाँवों में मत्स्यपालन का विकास
x) सड़कों  के किनारे और सार्वजनिक भूमि पर वृक्षारोपण
xi) ग्रामीण, खादी एवं कुटीर उद्योगों का विकास
xii) ग्रामीण गृह-निर्माण, सड़क, नाली पुलिया का निर्माण एवं संरक्षण
xiii) पेय जल की व्यवस्था
xiv) ग्रामीण बिजलीकरण एवं गैर-परम्परागत ऊर्जास्रोत की व्यवस्था एवं संरक्षण
xv) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों सहित शिक्षा, व्यस्क एवं अनौपचारिक शिक्षा, पुस्तकालय, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की व्यवस्था करना
xvi) ग्रामीण स्वस्थता, लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण कार्यक्रम, महिला एवं बाल विकास, विकलांग एवं मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों, कमजोर वर्ग खासकर अनुसूचित जाती एवं जनजाति के कल्याण-सबंधी कार्यक्रमों को पूरा करना
xvii) जन वितरण प्रणाली की उचित व्यवस्था करना
xviii) धर्मशालाओं, छात्रवासों, खातालों, कसाईखानों, सार्वजनिक पार्क, खेलकूद का मैदान, झोपड़ियों का निर्माण एवं व्यवस्था करना


●ग्राम पंचायत की आय के स्रोत क्या हैं?●
ग्राम पंचायत की आय के निम्नलिखित साधन हैं – – –
i) भारत सरकार से प्राप्त अंशदान, अनुदान या ऋण अथवा अन्य प्रकार की निधियाँ
ii) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त चल एवं अचल सपंत्ति से प्राप्त आय
iii) भूराजस्व एवं सेस से प्राप्त राशियाँ
iv) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अंशदान, अनुदान या ऋण सबंधी अन्य आय
v) राज्य सरकार की अनुमति से किसी निगम, निकाय, कम्पनी या व्यक्ति से प्राप्त अनुदान या ऋण
vi) दान के रूप में प्राप्त राशियाँ या अंशदान
vii) सरकार द्वारा निर्धारित अन्य स्रोत——————————————————
3.पंचायत समिति
बलवंतराय समिति की अनुशंसा के अनुसार पंचायती राज के लिए प्रखंड स्तर पर भी ग्राम स्वशासन की व्यवस्था की गई है. प्रखंड स्तर पर गठित निकाय पंचायत समिति कहलाता है. प्रत्येक प्रखंड (Development Block) में एक पंचायत समिति की स्थापना होती है जिसका नाम उसी प्रखंड के नाम पर होता है. राज्य सरकार को पंचायत समिति के क्षेत्र को घटाने-बढ़ाने का अधिकार होता है.

●सदस्य●
i) प्रखंड की प्रत्येक पंचायत के सदस्यों द्वारा निर्वाचित दो सदस्य होंगे. जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए स्थान अरक्षित रहेंगे. आरक्षित पदों में भी तीस प्रतिशत पद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए अरक्षित रहेंगे. यदि दो ही पद आरक्षित हों तो एक महिला के लिए आरक्षित रहेगा. अनारक्षित पदों में भी 30% स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे.
ii) पंचायत समिति के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत का मुखिया पंचायत समिति का सदस्य होगा.
iii) प्रखंड के अंतर्गत चुनाव क्षेत्रों द्वारा निर्वाचित राज्य विधान सभा और संघीय लोक सभा के सभी सदस्य होंगे.
iv) विधान परिषद् और संघीय राज्य सभा के वे सभी सदस्य, जो उस प्रखंड के निवासी हों.
सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्ष होगा. यदि पदेन सदस्य इस पद पर नहीं रहे जिस पद के अधिकार से वह सदस्य बना हो, तो वह पंचायत समिति का सदस्य नहीं भी रह सकेगा. राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त कारणों से यथासमय निर्वाचन नहीं होने की स्थिति में पंचायत समिति के निर्वाचित पदधारकों की पदावधि पाँच वर्षों की अवधि के अतिरिक्त छह मास तक बढ़ाई जा सकेगी.
वही व्यक्ति पंचायत समिति का सदस्य हो सकेगा, जो —
a) भारत का नागरिक हो
b) 25 वर्ष की आयु का हो
c) सरकार के अन्दर किसी लाभ के पद पर न हो.
स्थाई समितियाँ
पंचायत समिति के कार्यों का सम्पादन स्थाई समितियों द्वारा होगा जिनमें निम्नलिखित प्रमुख समितियाँ होंगी –
a) कृषि, पशुपालन, लघु सिंचाई और सहकारिता समिति
b) शिक्षा समिति जिसमें समाज-शिक्षा, स्थानीय कला और शिल्प, लघु बचत तथा कुटीर उद्योग और शिक्षा आदि होंगे
c) सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई समिति, यातायात और निर्माण समिति
d) आर्थिक और वित्तीय समिति
e) समाज कल्याण समिति इत्यादि
राज्य सरकार और जिला परिषद् की अनुमति से पंचायत समिति अन्य स्थाई समितियों का निर्माण कर सकती है. प्रत्येक स्थाई समिति में 5-7 तक सदस्य होंगे. सदस्यों का निर्वाचन पंचायत समिति अपने सदस्यों में से ही करती है. प्रमुख को छोड़कर कोई अन्य व्यक्ति दो स्थाई समितियों से अधिक का सदस्य नहीं होता. समिति के सदस्य समिति के अध्यक्ष का निर्वाचन करते हैं. आर्थिक और वित्त समिति का अध्यक्ष पंचायत समिति का प्रमुख होता है. प्रखंड विकास पदाधिकारी स्थाई समितियों का सचिव होता है. समितियों का काम अपने विषयों से सम्बद्ध पंचायत समिति के सारे कार्य संपादित करना है. इस तरह की समिति अपने कार्यों के सम्पादन हेतु B.D.O. से कोई कागज़ माँग सकती है, जिसे बी.डी.ओ. को देना पड़ेगा.

●प्रमुख और उपप्रमुख●
प्रत्येक पंचायत समिति में एक प्रमुख और एक उपप्रमुख होगा, जिनका निर्वाचन पंचायत समिति के सदस्य करेंगे, लेकिन कोई सह-सदस्य इन पदों के लिए उम्मीदवार नहीं हो सकता. प्रमुख पंचायत समिति का अध्यक्ष होता है. उसका कार्यकाल पाँच वर्ष है. पंचायत समिति अविश्वास का प्रस्ताव (No-confidence motion) पास करके और राज्य सरकार आदेश जारी करके प्रमुख और उपप्रमुख को पदच्युत कर सकती है. जिला परिषद् का अध्यक्ष या व्यवस्थापिका का सदस्य निर्वाचित होने पर प्रमुख को अपना पद छोड़ना होगा.

प्रमुख को अनेक अधिकार दिए गए हैं. पंचायत समिति की सभा बुलाना, उसके अध्यक्ष का आसन ग्रहण करना प्रमुख का काम है. वह पंचायत समिति के कार्यों का सञ्चालन करता है, उनका निरीक्षण करता है और उसके कार्यकलाप की रिपोर्ट समिति को देता है. वह प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यों की भी निगरानी करता है और पंचायत समिति के कार्यों की रिपोर्ट राज्य सरकार को देता है. संकटकाल में वह प्रखंड पदाधिकारी के परामर्श से आवश्यक कार्यवाही कर सकता है. प्रमुख की अनुपस्थिति में उसके सारे कार्यों का सम्पादन उपप्रमुख द्वारा होता है.

●प्रखंड विकास पदाधिकारी●
प्रखंड विकास पदाधिकारी पंचायत समिति का पदेन सचिव (Secretary) होगा और उसका काम पंचायत समिति के प्रस्तावों को कार्यान्वित करना होगा. प्रमुख की अनुमति से वह पंचायत समिति की बैठक बुलाएगा और उसकी कार्यवाही का रिकॉर्ड रखेगा. पंचायत समिति की बैठक में उसे भाग लेने का अधिकार है, किन्तु मतदान करने का उसे अधिकार नहीं है. वह पंचायत समिति के वित्त का प्रबंध करेगा. उसे आपातकालीन शक्तियाँ भी दी गई हैं. प्रमुख और उपप्रमुख की अनुपस्थिति में यदि कोई संकटकालीन स्थिति उत्पन्न हो, तो वह आवश्यक कार्रवाई कर सकेगा और उसकी सूचना जिलाधीश (District Magistrate/Commissioner)को देगा.

●पंचायत समिति के कार्य●
पंचायत समिति को अपने क्षेत्र के अंतर्गत सभी विकास-कार्यों के सम्पादन का अधिकार दिया गया  है. ग्राम पंचायतों, सहकारी समितियों आदि की मदद से पंचायत समिति ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कोई भी आवश्यक कार्य कर सकती है. पंचायत समिति के कार्य निम्न प्रकार के होते हैं – –
a) शिक्षा-सम्बन्धी कार्य
b) स्वास्थ्य-सम्बन्धी कार्य
c) कृषि-सम्बन्धी कार्य
d) ग्रामोद्योग- सम्बन्धी कार्य
e) आपातकालीन कार्य
●पंचायत समिति की आय के साधन●
पंचायत समिति की आय के निम्नलिखित साधन हैं-
a) जिला परिषद् से प्राप्त स्थानीय सेस, भूराजस्व का अंश और अन्य रकम
b) कर, चुंगी, अधिभार (surcharge) और फीस से प्राप्त आय
c) सार्वजनिक घाटों, मेलों, हाटों तथा ऐसे ही अन्य स्रोतों से आनेवाली आय
d) वैसे अंशदान या दान, जो जिला परिषदों, ग्राम पंचायतों, अधिसूचित क्षेत्र समितियों, नगरपालिकाओं या न्यासों एवं संस्थाओं से प्राप्त हो
e) भारत सरकार और राज्य सरकार से प्राप्त अंशदान या अनुदान या ऋण सहित अन्य प्रकार की निधियाँ
f) अन्य संस्थाओं से प्राप्त ऋण आदि
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4.जिला परिषद्
प्रत्येक जिला में एक परिषद् की स्थापना होगी. जिला परिषद् के निम्नलिखित सदस्य होंगे –
i) क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे निर्वाचित सदस्य. प्रत्येक सदस्य जिला परिषद् क्षेत्र की यथासंभव 50,000 की जनसंख्या के निकटतम का प्रतिनिधित्व करेगा. निर्वाचित सदस्यों की संख्या जिलाधिकारी द्वारा निश्चित की जाएगी. प्रत्येक क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र से एक सदस्य निर्वाचित किया जाएगा.
ii) जिले  की सभी पंचायत समितियों के प्रमुख.
iii) लोक सभा और राज्य विधान सभा के वैसे सदस्य जो जिले के किसी भाग या पूरे जिले का प्रतिनिधित्व करते हों और जिनका निर्वाचन क्षेत्र जिले के अंतर्गत पड़ता हो.
iv) राज्य सभा और राज्य विधान परिषद् के वैसे सदस्य जो जिले के अंतर्गत निर्वाचक के रूप में पंजीकृत हो.
स्थानों का आरक्षण
निर्वाचित सदस्यों के लिए स्थानों के आरक्षण की व्यवस्था की गई है. अनुसूचितजाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की गई है. आरक्षित स्थानों 1/3 भाग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग को महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. इसके अतिरिक्त पंचायत समिति में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जानेवाले स्थानों की कुल संख्या के 1/3 स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे.
बैठक
जिला परिषद् की कम-से-कम तीन माह में एक बार अवश्य बैठक होगी. गठन के बाद जिला परिषद् की पहली बैठक की तिथि जिलाधिकारी द्वारा निश्चित की जाएगी जो उस बैठक की अध्यक्षता भी करेगा. कुल सदस्यों के पाँचवें भाग द्वारा माँग किये जाने पर 10 दिनों के अंतर्गत जिला परिषद् की विशेष बैठक बुलाई जा सकती है.
●कार्यकाल
जिला परिषद् का कार्यकाल उसकी प्रथम बैठक की निर्धारित तिथि से अगले पांच वर्षों तक का निश्चित किया गया है.
●अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष
जिला परिषद् के निर्वाचित सदस्य यथाशीघ्र अपने में से दो सदस्यों को क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित करेंगे. अध्यक्ष-पद के लिए भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए स्थान आरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है. अध्यक्ष के आरक्षित पदों की संख्या का अनुपात यथासंभव वही होगा जो राज्य की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का अनुपात होगा. अध्यक्ष-पद के लिए महिलाओं के लिए भी कम-से-कम 1/3 स्थान स्थान अरक्षित रखे गये हैं. जिला परिषद् की बैठक बुलाने, उसकी अध्यक्षता करने एवं उसका सञ्चालन करने का अधिकार अध्यक्ष का ही है. इसके अतिरिक्त जिला परिषद् के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण रखना, जिला परिषद् की कार्यपालिका एवं प्रशासन पर पूर्ण नियंत्रण रखना, जिले में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को राहत दिलाना इत्यादि उसके मुख्य कार्य हैं.
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष ही जिला परिषद् की बैठक की अध्यक्षता करता है. अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अथवा एक महीने से अधिक की अवधि के लिए अवकाश पर रहने की स्थिति में अध्यक्ष की शक्तियों का प्रयोग और कर्त्तव्यों का निर्वहण वही करता है.
स्थाई समितियाँ
जिला परिषद् में कुछ स्थाई समितियाँ होती हैं, जैसे सामान्य समिति, वित्त अंकेक्षण एवं एवं योजना समिति, सामजिक न्याय समिति, शिक्षण एवं स्वास्थ्य समिति, कृषि एवं उद्योग समिति. प्रत्येक समिति में अध्यक्षसहित पाँच सदस्य होते हैं. जिला परिषद् इससे अधिक सदस्यों की संख्या भी निश्चित कर सकती है. सदस्यों का चुनाव जिला परिषद् के निर्वाचित सदस्यों में से किया जाता है. जिला परिषद् का अध्यक्ष सामान्य स्थाई समिति तथा वित्त अंकेक्षण (finance audit) एवं योजना समिति का पदेन सदस्य और इसका अध्यक्ष भी होता है. उपाध्यक्ष सामजिक न्याय समिति का पदेन सदस्य एवं अध्यक्ष होता है.
अन्य स्थाई समितियाँ अपने अध्यक्ष का चुनाव अपने बीच के सदस्यों में से करती है. विभिन्न समितियाँ विभिन्न प्रकार के कार्यों को सम्पन्न करती हैं.
●मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी●
जिलाधिकारी की श्रेणी का पदाधिकारी जिला परिषद् का मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी होता है जिसकी नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद् की नीतियों और निर्देशों को कार्यान्वित करेगा और जिला परिषद् के सभी कार्यों और विकास योजनाओं के शीघ्र निष्पादन हेतु आवश्यक कदम उठाएगा. अध्यक्ष के सामान्य अधीक्षण और नियंत्रण तथा अन्य पदाधिकारियों और कर्मचारी पर नियंत्रण रखेगा, जिला परिषद् से सम्बन्धित सभी कागजात एवं दस्तावेजों को सुरक्षित रखेगा तथा अन्य सौंपे गए कार्यों को पूरा करेगा. उसे जिला परिषद् की बैठकों में भाग लेने का अधिकार है. वह बैठक में विचार-विमर्श कर सकता है तथा कोई प्रस्ताव रख सकता है, परन्तु मतदान में भाग नहीं ले सकता है.
●जिला परिषद् के कार्य●
i) कृषि-सबंधी
ii) पशुपालन-सबंधी
iii) उद्योग-धंधे-सबंधी
iv) स्वास्थ्य-सम्बन्धी
v) शिक्षा-सम्बन्धी
vi) सामजिक कल्याण एवं सुधार सम्बन्धी
vii) आवास-सम्बन्धी
viii) अन्य कार्य- ग्रामीण बिजलीकरण, वृक्षारोपण, ग्रामीण सड़कों का निर्माण, ग्रामीण हाटों और बाजारों का अधिग्रहण, वार्षिक बजट बनाना इत्यादि.पंचायती राज व्यवस्था

Monday, 30 October 2017

पटवारी विशेष पंचायती राज PATWARI SPECIAL

😊पटवारी विशेष 😊 वैसे यह टॉपिक psc हेतु भी अतिमहत्वपूर्ण है ।।😊 सभी लोग पढ़े 😊
--****------***-------( part -1 )
पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम, तहसील, तालुका और ज़िला आते हैं। भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राजव्यवस्था अस्तित्व में रही है, भले ही इसे विभिन्न नाम से विभिन्न काल में जाना जाता रहा हो। पंचायती राज व्यवस्था को कमोबेश मुग़ल काल तथा ब्रिटिश काल में भी जारी रखा गया। ब्रिटिश शासन काल में 1882 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वायत्त शासन की स्थापना का प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। ब्रिटिश शासकों ने स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की स्थिति पर जाँच करने तथा उसके सम्बन्ध में सिफ़ारिश करने के लिए 1882 तथा 1907 में शाही आयोग का गठन किया। इस आयोग ने स्वायत्त संस्थाओं के विकास पर बल दिया, जिसके कारण 1920 में संयुक्त प्रान्त, असम, बंगाल, बिहार, मद्रास और पंजाब में पंचायतों की स्थापना के लिए क़ानून बनाये गये। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी संघर्षरत लोगों के नेताओं द्वारा सदैव पंचायती राज की स्थापना की मांग की जाती रही।

""संवैधानिक प्रावधान""
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संविधान के अनुच्छेद 40 में राज्यों को पंचायतों के गठन का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही संविधान की 7वीं अनुसूची (राज्य सूची) की प्रविष्टि 5 में ग्राम पंचायतों को शामिल करके इसके सम्बन्ध में क़ानून बनाने का अधिकार राज्य को दिया गया है।
■1993 में संविधान में 73वां संशोधन करके पंचायत राज संस्था को संवैधानिक मान्यता दे दी गई है और संविधान में भाग 9 को पुनः जोड़कर तथा इस भाग में 16 नये अनुच्छेदों (243 से 243-ण तक) और संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़कर पंचायत के गठन, पंचायत के सदस्यों के चुनाव, सदस्यों के लिए आरक्षण तथा पंचायत के कार्यों के सम्बन्ध में व्यापक प्रावधान किये गये हैं।

■आधुनिक समय व्यवस्था का प्रारम्भ■
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद गांधीजी के प्रभाव से पंचायती राज व्यवस्था पर विशेष बल दिया गया और इसके लिए केन्द्र में पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास मंत्रालय की स्थापना की गई और एस.के.डे को इस विभाग का मन्त्री बनाया गया।
इसके बाद 2 अक्टूबर, 1952 को इस उद्देश्य के साथ सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया कि सामान्य जनता को विकास प्रणाली से अधिक से अधिक सहयुक्त किया जाए। इस कार्यक्रम के अधीन खण्ड को इकाई मानकर खण्ड के विकास हेतु सरकारी कर्मचारियों के साथ सामान्य जनता को विकास की प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन जनता को अधिकार नहीं दिया गया, जिस कारण यह सरकारी अधिकारियों तक सीमित रह गया और असफल हो गया। इसके बाद 2 अक्टूबर, 1953 को राष्ट्रीय प्रसार सेवा को प्रारम्भ किया गया, जो असफल हुआ।....
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¶१--बलवंत राय मेहता समिति
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बलवंत राय मेहता समिति का गठन 'पंचायती राज व्यवस्था' को मजबूती प्रदान करने के लिए वर्ष 1956 में बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 1957 में प्रस्तुत कर दी थी। ममिति की सिफारिशों को 1 अप्रैल, 1958 को लागू किया गया।

गठन--
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सन 1957 में योजना आयोग ने बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में "सामुदायिक परियोजनाओं एवं राष्ट्रीय विकास" सेवाओं का अध्ययन दल के रूप में एक समिति बनाई, जिसे यह दायित्व दिया गया की वह उन कारणों का पता करे, जो सामुदायिक विकास कार्यक्रम की संरचना तथा कार्यप्रणाली की सफलता में बाधक थी। मेहता दल ने 1957 के अंत में अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की, जिसके अनुसार-

"लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण और सामुदायिक विकास कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु पंचायती राज व्यवस्था की तुरंत शुरुआत की जानी चाहिए।"

💐त्रिस्तरीय व्यवस्था
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पंचायती राज व्यवस्था को मेहता समिति ने "लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण " का नाम दिया। समिति ने ग्रामीण स्थानीय शासन के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था का सुझाव दिया, जो निम्न प्रकार था-

ग्राम- ग्राम पंचायत
खंड- पंचायत समिति
ज़िला- ज़िला परिषद

शुभारम्भ

उपरोक्त तीनों में सबसे प्रभावकारी खंड निकाय अर्थात पंचायत समिति को परिकल्पित किया गया। बलवंत राय मेहता की सिफारिश के पश्चात पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राजस्थान के नागौर ज़िले में 2 अक्टूबर, 1959 को भारी जनसमूह के बीच इसका शुभारम्भ किया। 1 नवम्बर, 1959 को आन्ध्र प्रदेश राज्य ने भी इसे लागू कर दिया। धीरे-धीरे यह व्यवस्था सभी राज्यों में लागू कर दी गयी, कुछ राज्यों ने त्रिस्तरीय प्रणाली को अपनाया तो कुछ राज्यों ने द्विस्तरीय प्रणाली को अपनाया।

असफलता
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लेकिन पंचायती राज व्यवस्था का यह नूतन प्रयोग भारत में सफल नहीं हो पाया। अत: इसमें सुधार की मांग की जाने लगी। इन्हीं कारणों से जनता पार्टी के द्वारा दिसम्बर, 1977 में अशोक मेहता की अध्यक्षता में पंचायती राज संस्थाओं पर समिति गठित की गयी।...

¶2-अशोक मेहता समिति
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अशोक मेहता समिति का गठन दिसम्बर, 1977 ई. में अशोक मेहता की अध्यक्षता में किया गया था। 'बलवंत राय मेहता समिति' की सिफ़ारिशों के आधार पर स्थापित पंचायती राज व्यवस्था में कई कमियाँ उत्पन्न हो गयी थीं, इन कमियों को ही दूर करने तथा सिफ़ारिश करने हेतु 'अशोक मेहता समिति' का गठन किया गया था।

अशोक मेहता समिति में 13 सदस्य थे। समिति ने 1978 में अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंप दी, जिसमें पंचायती राज व्यवस्था का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया गया था। समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट में केवल 132 सिफ़ारिशें की गयी थीं। इसकी प्रमुख सिफ़ारिशें थीं-
राज्य में विकेन्द्रीकरण का प्रथम स्तर ज़िला हो,
ज़िला स्तर के नीचे मण्डल पंचायत का गठन किया जाए, जिसमें क़रीब 15000-20000 जनसंख्या एवं 10-15 गाँव शामिल हों,
ग्राम पंचायत तथा पंचायत समिति को समाप्त कर देना चाहिए,
मण्डल अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष तथा ज़िला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष होना चाहिए,
मण्डल पंचायत तथा परिषद का कार्यकाल 4 वर्ष हो,
विकास योजनाओं को ज़िला परिषद के द्वारा तैयार किया जाए
अशोक मेहता समिति की सिफ़ारिशों को अपर्याप्त माना गया और इसे अस्वीकार कर दिया गया।.....

¶3-डॉ. पी. वी. के. राव समिति
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1985 में डॉ. पी. वी. के. राव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करके उसे यह कार्य सौंपा गया कि वह ग्रामीण विकास तथा ग़रीबी को दूर करने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था पर सिफ़ारिश करे। इस समिति ने राज्य स्तर पर राज्य विकास परिषद्, ज़िला स्तर पर ज़िला परिषद्, मण्डल स्तर पर मण्डल पंचायत तथा गाँव स्तर पर गाँव सभा के गठन की सिफ़ारिश की। इस समिति ने विभिन्न स्तरों पर अनुसूचित जाति तथा जनजाति एवं महिलाओं के लिए आरक्षण की भी सिफ़ारिश की, लेकिन समिति की सिफ़ारिश को अमान्य कर दिया गया।....

¶4--डॉ. एल. एम. सिंधवी समिति
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पंचायमी राज संस्थाओं के कार्यों की समीक्षा करने तथा उसमें सुधार करने के सम्बन्ध में सिफ़ारिश करने के लिए सिंधवी समिति का गठन किया गया। इस समिति ने ग्राम पंचायतों को सक्षम बनाने के लिए गाँवों के पुनर्गठन की सिफ़ारिश की तथा साथ में यह सुझाव भी दिया कि गाँव पंचायतों को अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराया जाए।
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■लार्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है !
■भारत के संविधान के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 40 में यह निर्देश है कि “राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करेगा और उनको एसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हों. इस निर्देश के अनुसरण में भारत सरकार ने 73वें संविधान (संशोधन) अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और भाग 9 में इसके लिए उपबंध किया है.
■संविधान के भाग 9 में अनुच्छेद 243 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के बारे में उपबंध किया गया है !
■2 अक्तूबर, 1952 को सामुदायिक विकास कार्यक्रम तथा 2 अक्तूबर 1953  को राष्ट्रीय प्रसार सेवा कार्यक्रम प्रारंभ किए गए, परन्तु दोनो ही कार्यक्रमों अपेक्षित सफलता नहीँ मिली !
■सामुदायिक विकास कार्यक्रम की जांच के लिए केंद्र सरकार ने 1957 मेँ बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता मेँ एक अध्ययन दल का गठन किया। इस दल ने 1957 के अंत मेँ अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की, कि लोकतांत्रिक विकेंद्रीयकरण और सामुदायिक कार्यक्रम को सफल बनाने हैतु पंचायत राज्य संस्थाओं की अविलम्ब शुरुआत की जानी चाहिए। अध्ययन दल ने इसे लोकतांत्रिक विकेंद्रीयकरण का नाम दिया।
■पंचायती राज का शुभारंभ भारत में 2 Oct. 1959 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जबाहर लाल नेहरू द्वारा राज्स्थान के नागौर जिले से हुआ !
■11 Oct. 1959 को पं नेहरू ने आंध्रप्रदेश राज्य में पंचायती राज का शुभारंभ किया !
■73 वां संविधान संशोधन (1992) , जो कि 25 अप्रैल, 1993 से भारत में लागू हुआ , पंचायती राज से संबंधित है !
■मध्यप्रदेश में 30 दिसंबर 1993 को पंचायती राज अधिनियम विधानसभा में रखा गया व 25 जनवरी 1994 को पारित किया गया और 20 अगस्त 1994 को लागू किया गया !
■73 वां संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है !
■73 वां संविधान संशोधन द्वारा संविधान के भाग – 9 में अनुच्छेद 243 के अंतर्गत 243क से 243ण तक अनुच्छेद जोडे गऐ , तथा एक अनुसुची – 11 जोडी गई ! जो सभी पंचायती राज से संबंधित हैं !

💐अनुसूची – 11 में कुल 29 बिषय हैं जिन पर पंचायतें कानून बना सकती हैं ! 💐
अनुच्छेद 243  परिभाषाएं
अनुच्छेद 243 A ग्राम सभा
अनुच्छेद 243 B ग्राम पंचायतों का गठन
अनुच्छेद 243 C पंचायतों की संरचना
अनुच्छेद 243 D स्थानों का आरक्षण
अनुच्छेद 243 E पंचायतों के कार्यकाल या अवधि
अनुच्छेद 243 F सदस्यता के लिए अयोग्यताएं
अनुच्छेद 243 G पंचायतों की शक्तियां ,प्राधिकार और उत्तरदायित्व
अनुच्छेद 243 H पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियाँ
अनुच्छेद 243 I वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
अनुच्छेद 243 J पंचायतों की लेखाओं की संपरीक्षा
अनुच्छेद 243 K पंचायतों के लिए निर्वाचन
अनुच्छेद 243 L संघ राज्य क्षेत्रों में लागू होना
अनुच्छेद 243 M इस भाग का कतिपय क्षेत्र में लागू न होना
अनुच्छेद 243 N विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
अनुच्छेद 243 O निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
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😊Panchayat and Rural Development😊

● पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
Answer :- जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना

● किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई ?
Answer :- बलवंत राय मेहता समिति

पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है  ?
Answer :- सत्ता के विकेंद्रीकरण पर

● संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है ?
Answer :- भाग-9

किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है ?
Answer :- नीति-निर्देशक सिद्धांत

● पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है ?
Answer :- राज्य निर्वाचन आयोग

● देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया ?
Answer :- सामुदायिक विकास कार्यक्रम

● भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ ?
Answer :- 2 अक्टूबर, 1952

● पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है ?
Answer :- ग्राम पंचायत

● बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है ?
Answer :- पंचायत समिति

● पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था ?
Answer :- अशोक मेहता समिति

● पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करता है ?
Answer :- ग्राम प्रधान

● पंचायती राज विषय किस सूची में है ?
Answer :- राज्य सूची में

● किस संशोधन में महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत में एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गईं ?
Answer :- 73वें संशोधन में

● पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार की आयु कितनी होनी चाहिए ?
Answer :- 21 वर्ष

● पंचायती राज संस्थाएँ अपनी निधि हेतु किस पर निर्भर हैं ?
Answer :- सरकारी अनुदान पर

● एक विकास खंड पर पंचायत समति कैसी होती है ?
Answer :- एक प्रशासकीय अभिकरण

● भारत में पहला नगर निगम कहाँ स्थापित हुआ ?
Answer :- चेन्नई

● ग्राम पंचायतों की आय का स्त्रोत क्या है ?
Answer :- मेला व बाजार कर

● पंचायती राज संस्था का कार्यकाल कितना होता है ?
Answer :- 5 वर्ष

● 73वें संविधान संशोधन में पचायती राज संस्थाओं के लिए किस प्रकार के चुनाव का प्रावधान किया गया ?
Answer :- प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान

● पंचायत के चुनाव हेतु निर्णय कौन लेता है ?
Answer :- राज्य सरकार

● पंचायत समिति की गठन किस स्तर पर होता है ?
Answer :- प्रखंड स्तर पर

● यदि पंचायत को भंग किया जाता है तो पुनः निर्वाचन कितने समय के अंदर आवश्यक है ?
Answer :- 6 माह

Wednesday, 25 October 2017

200_Years_of_Paika_Rebellion


=>ओडिशा का पाइका विद्रोह

- 1857 का स्वाधीनता संग्राम जिसे सामान्य तौर पर भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है उससे भी पहले 1817 में ओडिशा में हुए पाइका बिद्रोह ने पूर्वी भारत में कुछ समय के लिये ब्रिटिश राज की जड़े हिला दी थीं।
- मूल रूप से पाइका ओडिशा के उन गजपति शाषकों के किसानों का असंगठित सैन्य दल था जो युद्ध के समय राजा को सैन्य सेवायें मुहाये कराते थे और शांतिकाल में खेती करते थे। इन लोगों ने 1817 में बक्शी जगबंधु बिद्याधर के नेतृत्व में ब्रिटिश राज के विरुद्ध बगावत का झण्डा उठा लिया।

- खुर्दा के शासक परंपरागत रूप से जगन्नाथ मंदिर के संरक्षक थे और धरती पर उनके प्रतिनिधि के तौर पर शासन करते थे। वे ओडिशा के लोगों की राजनीतिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता का प्रतीक थे।
- ब्रिटिश राज ने ओडिशा के उत्तर में स्थित बंगाल प्रांत और दक्षिण में स्थित मद्रास प्रांत पर अधिकार करने के बाद अंग्रेजों ने 1803 में ओडिशा को भी अपने अधिकार में कर लिया था। उस समय ओडिशा के गजपति राजा मुकुंददेव द्वितीय अवयस्क थे और उनके संरक्षक जय राजगुरु द्वारा किये गये शुरुआती प्रतिरोध का क्रूरता पूर्वक दमन किया गया और जयगुरु के शरीर के जिंदा रहते हुये ही टुकड़े कर दिये गये। कुछ वर्षों के बाद गजपति राजाओं के असंगठित सैन्य दल के वंशानुगत मुखिया बक्शी जगबंधु के नेतृत्व में पाइका विद्रोहियों ने आदिवासियों और समाज के अन्य वर्गों का सहयोग लेकर बगावत कर दी।

- पाइका विद्रोह 1817 में आरंभ हुआ और बहुत ही तेजी से फैल गया। हालांकि ब्रिटिश राज के विरुद्ध विद्रोह में पाइका लोगों ने अहम भूमिका निभायी थी लेकिन किसी भी मायने में यह विद्रोह एक वर्ग विशेष के लोगों के छोटे समूह का विद्रोह भर नहीं था।
- घुमसुर जो कि वर्तमान में गंजम और कंधमाल जिले का हिस्सा है वहां के आदिवासियों और अन्य वर्गों ने इस विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभायी। वास्तव में पाइका विद्रोह के विस्तार का सही अवसर तब आया जब घुमसुर के 400 आदिवासियों ने ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत करते हुये खुर्दा में प्रवेश किया।
खुर्दा, जहां से अंग्रेज भाग गये थे, वहां की तरफ कूच करते हुये पाइका विद्रोहियों ने ब्रिटिश राज के प्रतीकों पर हमले किए।
- यह विद्रोह बहुत तेजी से प्रांत के अन्य इलाकों जैसे पुर्ल, पीपली और कटक में फैल गया। विद्रोह से पहले तो अंग्रेज चकित रह गये लेकिन बाद में उन्होंने आधिपत्य बनाये रखने की कोशिश लेकिन उन्हें पाइका विद्रोहियों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। बाद में हुई कई लड़ाइयों में विद्रोहियों को विजय मिली लेकिन तीन महीनों के अंदर ही अंग्रेज अंतत: उन्हें पराजित करने में सफल रहे।

- इसके बाद दमन का व्यापक दौर चला जिसमें कइयों को जेल में डाला गया और कइयों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बहुत बड़ी संख्या में लोगों को अत्याचारों का सामना करना पड़ा। कई विद्रोहियों ने 1819 तक गुरिल्ला युद्ध लड़ा लेकिन अंत में उन्हें पकड़ कर मार दिया गया।
- बक्शी जगबंधु को अंतत: 1825 में गिरफ्तार कर लिया गया और कैद में रहते हुये ही 1829 में उनकी मृत्यु हो गयी। हालांकि पाइका विद्रोह को ओडिशा में बहुत उच्च दर्जा प्राप्त है और बच्चे अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई में वीरता की कहानियां पढ़ते हुये बड़े होते हैं लेकिन दुर्भाग्य से इस विद्रोह को राष्ट्रीय स्तर पर वैसा महत्व नहीं मिला जैसा कि मिलना चाहिये था।
- ऐसी महत्वपूर्ण घटना को इतना कम महत्व दिये जाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन यह संतोष की बात है कि भारत सरकार ने इस विद्रोह को समुचित पहचान देने के लिये इस घटना की 200वीं वर्षगांठ को उचित रूप से मनाने का निर्णय लिया है।
#IAS #UPSC #MPPSC #RPSC #UPPSC

Awards in 2017

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार 2017*
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श्री देवेंद्र – पैरा एथलेटिक्स
श्री सरदार सिंह – हॉकी

*द्रोणाचार्य पुरस्कार 2017:*

स्वर्गीय डॉ आर गांधी – एथलेटिक्स
श्री हीरा नंद कटारिया – कबड्डी
श्री जी एस एस वी प्रसाद – बैडमिंटन (लाइफटाइम)
श्री बृज भूषण मोहंती – मुक्केबाजी (लाइफटाइम)
श्री पी.ए. रैपल – हॉकी (लाइफटाइम)
श्री संजय चक्रवर्ती – शूटिंग (लाइफटाइम)
श्री रोशन लाल – कुश्ती (लाइफटाइम)

*मेजर ध्यानचंद पुरस्कार 2017:*
श्री भूपिंदर सिंह – एथलेटिक्स
श्री सैयद शाहिद हकीम – फुटबॉल
सुश्री सामुराई टेटी – हॉकी

*अर्जुन पुरस्कार 2017:*
सुश्री वी.जे. सुरेखा – तीरंदाजी
सुश्री खुशबीर कौर – एथलेटिक्स
श्री अरकोआइ राजीव – एथलेटिक्स
सुश्री प्रशांति सिंह – बास्केटबॉल
लैशरामडीबेंड्रो सिंह – मुक्केबाजी
श्री चेतेश्वर पुजारा – क्रिकेट
सुश्री हरमनप्रीत कौर – क्रिकेट
सुश्री ओइनमबेम्बम देवी – फुटबॉल
श्री एस.एस.पी. चौरसिया – गोल्फ
श्री एस वी सुनील – हॉकी
श्री जसवीर सिंह – कबड्डी
श्री पी एन प्रकाश – शूटिंग
श्री ए अमलराज – टेबल टेनिस
श्री सक्तमनीनी – टेनिस
श्री सत्यवार्ट केडियान – रेसलिंग
श्री मारीप्पन – पैरा-एथलीट
श्री वरुण सिंह भाटी – पैरा-एथलीट

Monday, 23 October 2017

New appointments under govt of india


_• रामनाथ कोविंद – *राष्ट्रपति*_

_• वेंकैया नायडू– *उपराष्ट्रपति*_

• _सुमित्रा महाजन – *अध्यक्ष*, (लोक सभा)_

• _एम. थंबीदुरई – *उपाध्यक्ष*, (लोक सभा)_

• _वेंकैया नायडू– *सभापति*, (राज्यसभा)_

• _पी. जे. कुरियन – *उपसभापति*, (राज्यसभा)_

• _नरेन्द्र मोदी – *अध्यक्ष*, (नीति (NITI) आयोग)_

• _अरविंद पनगड़िया – *उपाध्यक्ष*, (नीति (NITI) आयोग)_

• _डॉ. विजय केलकर – *अध्यक्ष*, (13वां वित्त आयोग)_

• _वाई. वी. रेड्डी – *अध्यक्ष*, (14वां वित्त आयोग)_

• _पी. वी. रेड्डी – *अध्यक्ष*, (19वां विधि आयोग)_

• _ए. पी. शाह – *अध्यक्ष*, (20वां विधि आयोग)_

• _मुकुल रोहतगी – *महान्यायवादी*_

• _रंजीत कुमार – *भारत के महा–अधिवक्ता*_

• _डॉ. आर. चिदंबरम – *भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार*_

• _अजीत कुमार डोभाल – *राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार*_

• _अजीत सेठ – *कैबिनेट सचिव*_

• _एस. जयशंकर – *विदेश सचिव*_

• _अशोक कुमार मुखर्जी – *संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि*_

• _शेखर सेन – *अध्यक्ष*, (संगीत नाटक अकादमी)_

• _के .के. चक्रवर्ती – *अध्यक्ष*, (ललित कला अकादमी)_

• _वी. पी. तिवारी – *अध्यक्ष*, (साहित्य अकादमी)_

• _आर. के. श्रीवास्तव – *चेयरमैन*, (भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण (AAI)_

• _रत्न कुमार सिन्हा – *अध्यक्ष*, (परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC)_

• _एस. एस. बजाज – *अध्यक्ष*, (परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB)_

• _एस. एस. मंथा – *अध्यक्ष*, (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)_

• _प्रफुल पटेल – *अध्यक्ष*, (अखिल भारतीय फुटबॉल परिसंघ (AIFF)_

• _रोहित नंदन – *अध्यक्ष*, (एयर इंडिया (AI)_

• _गौतम सेन गुप्ता – *महानिदेशक*, (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI)_

• _सुनील कानोरिया – *अध्यक्ष*, (एसोसिएटेड चैबर्स ऑफ कामर्स एंडइंडस्ट्रीज ऑफ इंडिया (ASSOCHAM)_

• _शेखर बसु – *निदेशक*, (भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)_

• _जगमोहन डालमिया – *अध्यक्ष*, (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)_

• _अनुपम श्रीवास्तव – *अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक* (सीएमडी), भारत संचार निगम लि. (BSNL)_

• _शशिकांत शर्मा – *नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक* (CAG)_

• _अनिल कुमार सिन्हा – *निदेशक*, (केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)_

• _विनीत जोशी – *अध्यक्ष*, (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन (CBSE)_

• _अनिता कपूर – *अध्यक्ष*, (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)_

• _नजीब शाह– *अध्यक्ष*, (केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC)_

• _पहलाज निहलानी – *अध्यक्ष*, (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC)_

• _नंदिता दास – *अध्यक्ष*, (भारतीय बाल फिल्म सोसाइटी (CFSI)_

• _आरके माथुर – *मुख्य सूचना आयुक्त* (CIC)_

• _डॉ. नसीम जैदी – *मुख्य चुनाव आयुक्त* (CEC)_

• _अजय. एस. श्रीराम – *अध्यक्ष*, (भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)_

• _टी.एस. ठाकुर– *सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश* (CJI)_

• _डी. आर. देशमुख – *अध्यक्ष*, (कंपनी लॉ बोर्ड (CLB)_

• _एम. ओ. गर्ग – *महानिदेशक*, (औद्योगिक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद् (CSIR)_

• _प्रेमा करियप्पा – *अध्यक्ष*, (केंद्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड (CSWB)_

• _राजीव – (कार्यवाहक) *केंद्रीय सतर्कता आयुक्त* (CVC)_

• _अश्विन पांड्या – *अध्यक्ष*, (केंन्द्रीय जल आयोग (CWC)_

• _मंगू सिंह – *प्रबंधक निदेशक*, (दिल्ली मैट्रो रेलवे कॉरपोरेशन (DMRC)_

• _आर. के. माथुर – *अध्यक्ष*, (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)_

• _हर्षवर्धन नेओतिया – *अध्यक्ष*, (फिक्की (FICCI)_

• _अशोक कुमार रॉय – *अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक*, (जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (GIC)_

• _निशी वासुदेवा – *अध्यक्ष*, (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)_

• _दिनेश्वर शर्मा – *डायरेक्टर*, (गुप्तचर ब्यूरो (IB)_

• _टी. एम. भसीन – *अध्यक्ष*, (इंडियन बैंकस् एसोसिएशन (IBA)_

• _के. रघु – *अध्यक्ष*, (भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI)_

• _एस. अयप्पन – *महानिदेशक*, (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)_

• _बासुदेव चटर्जी – *अध्यक्ष*, (भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद् (ICHR)_

• _एम. एस. राघवन – *भारतीय औद्योगिक विकास बैंक* (IDBI)_

• _एम. असलम – *कुलपति*, (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)_

• _एन. रामचंद्रन – *अध्यक्ष*, (भारतीय ओलंपिक संघ (IOA)_

• _बी. अशोक – *अध्यक्ष*, (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC)_

• _टी. एस. विजयन – *इंश्योरेंस रेगूलेटरी एंड डवलपमेंट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया* (IRDAI)_

• _ए. एस. किरण कुमार – *अध्यक्ष*, (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)_

• _एस. के. रॉय – *अध्यक्ष*, (भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)_

• _ए. के. गर्ग – *अध्यक्ष*, (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)_

• _हर्षकुमार भनवाला – *अध्यक्ष*, (नाबार्ड (NABARD)_

• _अंशुमन दास – *अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक*, (नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)_

• _के. के. नटराजन – *चेयरमैन*, (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंडसर्विस कंपनीज (NASSCOM)_

• _आर. चन्द्रशेखर – *अध्यक्ष*, (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड संर्विस कंपनीज (NASSCOM)_

• _वी. एश्वरैया – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC)_

• _डी. के. जैन – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC)_

• _प्रवीन सिनक्लेयर – *निदेशक*, (राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCERT)_

• _वजाहत हबीबुल्लाह – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM)_

• _पी. एल. पुनिया – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC)_

• _रामेश्वर ओरॉन – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST)_

• _ललिता कुमारमंगलम – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)_

• _टी. नंदा कुमार – *सभापति*, (राष्ट्रीय डेयरी विकास परिषद (NDDB)_

• _बी. एन. किरपाल – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय वन आयोग (NFC)_

• _रमेश सिप्पी – *अध्यक्ष*, (नेशनल फिल्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC)_

• _आर. वी. सिंह – *अध्यक्ष*, (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)_

• _आर. एस. टी. साई – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (NHPC)_

• _के. जी. बालकृष्णन – *अध्यक्ष*, (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)_

• _शरद कुमार – *महानिदेशक*, (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA)_

• _अरुप राय चौधरी – *अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक*, (एनटीपीसी (NTPC)_

• _एस. के. श्रीवास्तव – *अध्यक्ष*, (ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)_

• _डी. के. सर्राफ – *अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक*, (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)_

• _सी. के. प्रसाद – *अध्यक्ष*, (भारतीय प्रेस परिषद (PCI)_

• _महेन्द्र मोहन गुप्त – *अध्यक्ष*, (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI)_

• _राजेन्द्र खन्ना – *निदेशक*, (रिसर्च एंड अनालिसिस विंग (RAW)_

• _ए. के. मित्तल – *चेयरमैन*, (रेलवे बोर्ड (RB)_

• _रघुराम गोबिन्द राजन – *गवर्नर*, (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)_

• _सी. एस. वर्मा – *अध्यक्ष*, (स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)_

• _अरूंधती भट्टाचार्य – *चेयरमैन*, (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)_

• _यू. के. सिन्हा – *अध्यक्ष*, (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)_

• _अमित्व भट्टाचार्य – *अध्यक्ष*, (कर्मचारी चयन आयोग (SSC)_

• _राजीव खुल्लर – *अध्यक्ष*, (भारतीय दूरसंचार नियंत्रण प्राधिकरण (TRAI)_

• _वेदप्रकाश तोमर – *अध्यक्ष*, (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)_

• _दीपक गुप्ता – *अध्यक्ष*, (संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)_

• _जनरल दलबीर सिंह सुहाग – *थल सेनाध्यक्ष*_

• _एडमिरल आर. के. धोवन – *जल सेनाध्यक्ष*_

• _एयर चीफ मार्शल अरूप राहा – *वायु सेनाध्यक्ष*_

° _डी. के. पाठक – *महानिदेशक*, (सीमा सुरक्षा बल (BSF)_

• _अरविंद राजन – *महानिदेशक*, (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)_

• _प्रकाश मिश्रा -  *महानिदेशक*, (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)_

• _वंशीधर शर्मा – *महानिदेशक*, (केंद्रीय सशस्त्र सीमा बल (SSB)_

• _कृष्णा चौधरी – *महानिदेशक*, (भारत–तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)_

• _जयंतो नारायण – *महानिदेशक*, (राष्ट्रीय सुरक्षा गाड्र्स (NSG)_

• _वाइस एडमिरल ए. जी. थपलियाल – *महानिदेशक*, (भारतीय तटरक्षक बल(ICG)_

• _अनिरुद्ध चक्रवर्ती – *महानिदेशक*, (राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC)_

Political parties in India


• Indian National Congress 1885
• Shiromani Akali Dal 1920
• Communist Party of India 1925
• Jammu and Kashmir National Conference 1939
• Dravida munnetra kazhagam DMK 1949
• Mizo National front 1961
• Communist party Marxist 1964
• Shivsena 1966
• Jharkhand Mukti morcha 1972
• All India Anna dravida munnetra kazhagam 1972
• Bharatiya Janata Party 1980
• Telugu Desam Party 1982
• Bahujan Samaj party 1984
• Asom gana Parishad 1985
• Samajwadi Party 1992
• Rashtriya Lok Dal 1996
• Rashtriya Janata Dal 1997
•  Biju Janata Dal 1997
• All India Trinamool Congress 1998
• People democratic party 1999
• Janata Dal United 1999
• Janata Dal Secular 1999
•  Nationalist Congress Party 1999
• Lok janshakti party 2000
• Maharashtra Navnirman Sena 2006
• Aam Aadmi Party 2012

Saturday, 21 October 2017

Questions asked on the mahatma gandhi in previous years

पूर्व वर्षों में महात्मा गाँधी पर पूछे गए प्रश्न*
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*1. गांधीजी का जन्म कब हुआ?*
Answer: 2 अक्टूबर, 1869 में
*2. गांधीजी वकालत करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के कब गए थे?*

Answer: 1893 में
*3. गांधी जी ने पहली सत्याग्रह प्रयोग कब किया किया?*

Answer: सितम्बर 1906 में दक्षिण अफ्रीका, ट्रांसवाल में भारतीयों के खिलाफ जारी एशियाई अध्यादेश के विरोध में

*4. गांधी जी को पहली कारावास कब हुआ था?*

Answer: दक्षिण अफ्रीका में जोहानिसबर्ग में 1908

*5. किस रेलवे स्टेशन में गांधी अपमानित किया और अपदस्थ किया गया था?*

Answer: दक्षिण अफ्रीका में पीटरमैरिट्सबर्ग रेलवे स्टेशन पर

*6. गांधीजी ने टालस्टाय फार्म (दक्षिण अफ्रीका) कब शुरू किया था?*

Answer: 1910 में
*7. गांधीजी फीनिक्स सेटलमेंट कहाँ शुरू कर दिया था?*

Answer: दक्षिण अफ्रीका के डरबन में

*8. दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी द्वारा शुरू किये गए साप्ताहिक का क्या नाम है?*

Answer: इंडियन ओपिनियन (1904)
*9. गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे?*

Answer: 9 जनवरी 1915.
9 जनवरी को इसी कारण *प्रवासी भारतीय दिवस* मनाया जाता है ।

*10. भारत में गांधी जी का प्रथम सत्याग्रह कहाँ हुआ था?*

Answer: यह 1917 में चंपारण में इंडिगो श्रमिकों के अधिकार के लिए किया गया था l

*11. गांधी की पहली अनशन (भारत में गांधी के दूसरे सत्याग्रह) कहाँ हुआ था?*

Answer: अहमदाबाद में
*12. किस कारण गाँधी जी ने कैसर-ए-हिन्द पदवी छोड़ दी थी?*

Answer: जलियांवाला बाग नरसंहार (1919)

*13. यंग इंडिया और नवजीवन साप्ताहिक का प्रारंभ किस ने किया था?*

Answer: महात्मा गांधी
*14. किस एकमात्र कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता गांधी जी की थी?*

Answer: 1924 में बेलगाम में कांग्रेस अधिवेशन की

*15. 1932 में अखिल भारतीय हरिजन समाज किसने शुरू किया था ?*

Answer: हात्मा गांधी
*16. वर्धा आश्रम कहाँ स्थित है?*

Answer: महाराष्ट्र में
*17. गांधीजी ने साप्ताहिक हरिजन कब शुरू किया था?*

Answer: 1933
*18. गांधीजी ने सुभाष चंद्र बोस को ____ कहा?*

Answer: देश-भक्त
19. गाँधी जी को अर्द्ध नग्न फ़क़ीर *किस ने कहा?*

Answer: विंस्टन चर्चिल
*20. टैगोर को गुरुदेव का नाम किस ने दिया*
Answer: महात्मा गाँधी ने
*21. गाँधी जी को महात्मा किसने कहा?*

Answer: टैगोर
*22. गाँधी जी का राजनितिक गुरु कौन था?*

Answer: गोपाल कृष्ण गोखले
*23. गाँधी का अध्यात्मिक गुरु कौन है?*

Answer: लियो टॉल्स्टॉय
*24. गाँधी जी की हत्या कब हुई?*

Answer: 30 जनवरी 1948 को नाधुरम विनायक गोडसे

*25. गाँधी जी ने ‘पोस्ट डेटेड चेक’ किसे कहा*

Answer: क्रिप्स मिशन (1942) को
*26. गाँधी जी ने ‘हिन्द स्वराज’ का प्रकाशन कब किया*

Answer: 1908 में
*27. बाबा बाबा आम्टे को ‘अभय सदक’ 'Abhay Sadak का ख़िताब किस ने दिया*

Answer: महात्मा गाँधी
*28. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किस अवधि को 'गांधी युग' के रूप में माना जाता है?*

Answer: 1915 - 1948
*29. भारत में गांधी जी का तीसरा सत्याग्रह कहाँ था?*

Answer: खेड़ा सत्याग्रह
*30. गांधी की आत्मकथा का असली नाम क्या है?*

Answer: सत्य न प्रयोगों
*31. किस काल को गांधी की आत्मकथा का काल माना जाता है ?*

Answer: 1869 - 1921
*32. गांधीजी की आत्मकथा प्रथम बार कब प्रकाशित हुई?*

Answer: 1927 (नवजीवन में )
*33. गाँधी जी ने अपने आत्मकथा किस भाषा में लिखी*

Answer: गुजरती
*34. गाँधी जी की आत्मकथा का इंग्लिश में अनुवाद किस ने किया था?*

Answer: महादेव देसज़ी
*35. सत्याग्रह सभा की स्थापना किसने की थी?*

Answer: महात्मा गाँधी ने
*36. महादेव देसाई के हस्तान्तरण के बाद गाँधी जी का सचिव किसे बनाया गया था?*

Answer: प्यारेलाल
*37. गाँधी जी की अनुयायी मीरा बहन का वास्तविक नाम क्या था?*

Answer: मेडेलीन स्लेड
*38. किस ने गांधी के दांडी मार्च की तुलना श्री राम की लंका पौराणिक यात्रा से की थी?*

Answer: मोतीलाल नेहरू
*⇨ गाँधी की उपनाम से जाने जाने वाले व्यक्ति*

*39. किसे सीमांत गांधी नाम से जाना जाता है?*

Answer: खान अब्दुल गफ्फार खान
*40. किसे बिहार के गाँधी के रूप में जाना जाता है?*

Answer: डॉ राजेन्द्र प्रसाद
*41. आधुनिक गांधी के रूप में किसे जाना जाता है?*

Answer: बाबा आम्टे
*42. श्रीलंका के गांधी के रूप में जाना जाता है?*

Answer: ए.टी. अरियाराटने
*43. अमेरिकन गांधी के रूप में कौन जाना जाता है?*

Answer: मार्टिन लूथर किंग
*44. बर्मी गांधी के रूप में कौन जाना जाता है?*

Answer: जनरल आंग सान
*45. अफ्रीकी गांधी के रूप में किसे जाना जाता है?*

Friday, 20 October 2017

विश्व के प्रमुख संगठन और उनके मुख्यालय


1. यूनिसेफ - न्यूयॉर्क
2. यूनेस्को - पेरिस
3. विश्व बैंक - वाशिंगटन डी. सी.
4. एशियाई विकास बैंक (ADB) - मनीला
5. नाटो (NATO) - ब्रुसेल्स
6. एमनेस्टी इंटरनेशनल - लंदन
7. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) - वाशिंगटन डी. सी.
8. रेडक्रॉस - जेनेवा
9. सार्क (SAARC) - काठमाण्डु
10. इंटरपोल (INTERPOL) - पेरिस(लेओंस)
11. विश्व व्यापार संगठन (WTO) - जेनेवा
12. अमरीकी राज्यों का संगठन (OAS) - वाशिंगटन डी. सी.
13. अरब लीग - काहिरा
14. परस्पर आर्थिक सहायता परिषद् (COMECON) - मास्को
15. वर्ल्ड काउंसिल ऑफ़ चर्चेज (WCC) - जेनेवा
16. यूरोपीय ऊर्जा आयोग (EEC) - जेनेवा
17. अफ़्रीकी आर्थिक आयोग (ECA) - आदिस-अबाबा
18. पश्चिमी एशिया आर्थिक आयोग (ECWA) - बगदाद
19. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) - जेनेवा
20. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) - वियना
21. संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) - वियना
22. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मलेन (UNCTAD) - जेनेवा
23. विश्व वन्य जीव संरक्षण कोष (WWF) - ग्लांड(स्विट्ज़रलैंड)
24. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमिटी (IOC) - लुसाने
25. यूरोपीय कॉमन मार्केट (ECM) - जेनेवा
26. राष्ट्रमंडलीय राष्ट्राध्यक्ष सम्मलेन (CHOGM) - स्ट्रान्सबर्ग
27. पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन (OPEC) - वियना
28. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) - पेरिस
29. यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ECTA) - जेनेवा
30. राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) - लंदन
31. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) - जेनेवा
32. यूरोपीय संसद - लक्जमबर्ग
33. यूरोपियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ESRO) - पेरिस
34. यूरोपियन परमाणु ऊर्जा समुदाय (EURATON) - ब्रुसेल्स
35. एशिया और प्रशांत क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक आयोग - बैंकाक
36. गैट (GATT) - जेनेवा
37. अफ़्रीकी एकता संगठन (OAU) - आदिस-अबाबा
38. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) - नैरोबी
39. दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संघ (ASEAN) - जकार्ता

Tuesday, 17 October 2017

युद्धाभ्यास : भारत और विश्व के देश

युद्धाभ्यास : भारत और विश्व के देश

  1.  गरुड़: भारत-फ्रांस
  2.  हैण्ड इन हैण्ड: भारत-चीन
  3.  इंद्र: भारत-रूस
  4.  जिमेक्स : भारत-जापान
  5.  मालाबार : अमेरिका-भारत
  6.  शेड: भारत, जापान और चीन के नौसैनिक बलों
  7.  सूर्य किरण: भारत और नेपाल
  8.  वरुण: फ्रांस और भारत
  9.  सिम्बेक्स : गणतंत्र सिंगापुर नौसेना के साथ भारतीय नौसेना
  10.  लाब्समर : ब्राजील के साथ भारत और दक्षिण अफ्रीका के नौसेना
  11.  कोंकण: भारतीय नौसेना और ब्रिटेन की रॉयल नेवी
  12.  औसीइंडेक्स : भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना
  13.  इंद्रधनुष या इंद्रधनुष: भारत-ब्रिटेन के वायु अभ्यास
  14.  नोमेडिक एलीफैंट: मंगोलिया के साथ भारतीय सेना का अभ्यास
  15.  एकुवेरिन : मालदीव और भारत
  16.  गरुड़ शक्ति: भारत और इंडोनेशिया
  17.  मित्र शक्ति: भारत-श्रीलंका
  18.  नसीम अल बह्र: भारत-ओमान
  19.  स्लिनेक्स : भारत और श्रीलंका के बीच नौसेना में संयुक्त अभ्यास
  20.  भारत और जापान के तटरक्षकों का सहयोग- कैजिन संधि अभ्यास
  21.  मालाबार: भारत और अमेरिका
  22.  युद्ध अभ्यास : भारत और अमेरिका
  23.  रेड फ्लैग: भारत और अमेरिक
  24.  कोप: भारत और अमेरिका
  25. सम्प्रिती– भारत एवं बांग्लादेश

Monday, 16 October 2017

List of Indian National Highways

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची
************
1. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 1 लम्बाई (456 किमी) – दिल्ली से अमृतसर और भारत-पाक सीमा के लिए (Delhi to Amritsar and Indo-Pak Border)
2. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 1 ए लम्बाई ( 663 किमी) – जालंधर से उड़ी (Jalandhar to Uri)
3. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 1 बी लम्बाई (274 किमी) – बटोटे से खानाबल (Batote to Khanbal)
4. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 1 सी लम्बाई (8 किमी) – दोमेल से कटरा (Domel to Katra)
5. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 2 लम्बाई (1,465 किमी) – दिल्ली से कोलकाता (Delhi to Kolkata)
6. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 2 ए लम्बाई (5 किमी ) – सिकंदरा से भोगनीपुर (Sikandra to Bhognipur)
7. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 2 बी लम्बाई (52 किमी) – बर्धमान से बोलपुर (Bardhaman to Bolpur)
8. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 3 लम्बाई (1,161 किमी) – आगरा से मुम्बई (Agra to Mumbai)
9. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 4 लम्बाई (1,235 किमी) – थाणे से चेन्नई (thade to Chennai)
10. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 4ए लम्बाई(153 किमी) – बेलगाम से पणजी (Belgaum to Panaji)
11. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 4बी लम्बाई (27 किमी) – न्हावा शेवा से पलसपे (Nhava Sheva to Palaspe)
12. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 5 लम्बाई(1,533 किमी ) – बहरागोड़ा से चेन्नई (Baharagora to Chennai)
13. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 5ए लम्बाई (77 किमी) – हरिदासपुर से पारादीप पोर्ट (Haridaspur to Paradip Port)
14. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 6 लम्बाई(1,949 किमी) – हजीरा से कोलकाता (Hazira to Kolkata)
15. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 7 लम्बाई (2,369 किमी) – वाराणासी से कन्याकुमारी (Varanasi to Kanyakumari)
16. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 7 ए लम्बाई (51 किमी) – पलयमकोट्टई से तुतिकोरन बंदरगाह (Palayamkottai to Tuticorin Port)
17. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 8 लम्बाई (1,428 किमी) – दिल्ली से मुम्बई (Delhi to Mumbai)
18. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 8 ए लम्बाई (473 किमी) – अहमदाबाद से माण्डवी (Ahmedabad to Mandvi)
19. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 8 बी लम्बाई (206 किमी) – बमंबोरे से पोरबन्दर (Bamanbore to porbunder)
20. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 8 सी लम्बाई (46 किमी) – चिलोड़ा से सरखेज (Childo to Sarkhej)
21. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 8 डी लम्बाई (127 किमी) – जैतपुर से सोमनाथ (Jetpur to Somnath)
22. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 8ई लम्बाई (220 किमी) – सोमनाथ से भावनगर (Somnath to Bhavnagar)
23. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 9 लम्बाई(841 किमी) – पुणे से मचिल्लीपत्नम् (Pune to Machillipatnam)
24. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 10 लम्बाई (403 किमी) – दिल्ली से भारत पाक सीमा(Delhi to Indo-Pak Border)
25. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 11 लम्बाई (582 किमी) – आगरा से बीकानेर (Agra to Bikaner)
26. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 11 ए लम्बाई (145 किमी) – मनोहरपुर से कौथुम (Manoharpur to Kothum)
27. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 11 बी लम्बाई (180 किमी) – लालसोट से धौलपुर (Lalsot to Dholpur)
28. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways) 12 लम्बाई (890 किमी) – जबलपुर से जयपुर (Jabalpur to Jaipur)
29. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 12 ए लम्बाई (333 किमी) – जबलपुर से झाँसी (Jabalpur to Jhansi)
30. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 13 लम्बाई (691 किमी) – सोलापूर से मंगलौर (Solapur to Mangalore)
31. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 14 लम्बाई (450 किमी) – बेअवर से राधानपुर (Beawar to Radhanpur)
32. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 15 लम्बाई (1,526 किमी) – पठानकोट से समाख्याली (Pathankot to Samakhiali)
33. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 16 लम्बाई (460 किमी) – निज़ामाबाद से जगदलपुर (Nizamabad to Jagdalpur)
34. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 17 लम्बाई (1,269 किमी) – पनवेल से इदपल्ली (Panvel to Edapally)
35. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 17 ए लम्बाई (19 किमी) – कोर्टलम से मढ़गाव (Cortalim to Murmugao)
36. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 17 बी लम्बाई (40 किमी) – पौंड वर्ना से वास्को (Ponda Verna to Vasco)
37. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 18 लम्बाई (369 किमी) – कुरनूल से चित्तूर (Kurnool to Chittoor)
38. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 18A लम्बाई (50 किमी) – पुथलपट्टू से तिरुपति (Puthalapattu to Tirupati)
39. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 19 लम्बाई (240 किमी) – गाज़ीपुर से पटना (Ghazipur to Patna)
40. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 20 लम्बाई (220 किमी) – पठानकोट से मंडी (Pathankot to Mandi)
41. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 21लम्बाई (323 किमी) – चंड़ीगढ़ से मनाली (Chandigarh to Manali)
42. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 21A लम्बाई (65 किमी) – पिंजौर से स्वारघाट (Pinjore to Swarghat)
43. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 22 लम्बाई (459 किमी) – अंबाला से शिपकिला (Ambala to Shipkila)
44. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 23 लम्बाई (3,745 किमी) (Srinagar to Kanyakumari) LONGEST NH IN INDIA
45. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 24 लम्बाई (438 किमी) – दिल्ली से लखनऊ (Delhi to Lucknow)
46. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 24ए लम्बाई (17 किमी) – बख्शी का तालाब से चेन्हट (Bakshi Ka Talab to Chenhat)
47. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 25 लम्बाई (352 किमी) – लखनऊ से शिवपुरी (Lucknow to Shivpuri)
48. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 26 लम्बाई (396 किमी) – झाँसी से लखान्दों (Jhansi to Lakhnadon)
49. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 27 लम्बाई (93 किमी) – इलाहाबाद से मंगावन (Allahabad to Mangawan)
50. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 28 लम्बाई (570 किमी) – मुजफ्फरपुर से लखनऊ (Muzaffarpur to Lucknow)
51. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 28 ए लम्बाई (68 किमी) – पीपरा से भारतीय नेपाल सीमा (Pipra to Indo and Nepal Border)
52. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 28 सी लम्बाई (184 किमी) – बाराबंकी से नेपाल सीमा (Barabanki to Nepal Border)
53. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 29 लम्बाई (196 किमी) – गोरखपुर से वाराणसी (Gorakhpur to Varanasi)
54. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 30 लम्बाई (230 किमी) – मोहनिया से बख्तियारपुर (Mohania to Bakhtiarpur)
55. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 30 ए लम्बाई (65 किमी) – फतुहा से बर्ह (Fatuha to Barh)
56. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 31 लम्बाई (1,125 किमी) – बरही से अमीनगाँव (Barhi to Amingaon)
57. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 31 ए लम्बाई (92 किमी) – सिवोक से गंगटोक (Sevok to Gangtok)
58. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 31 बी लम्बाई (19 किमी) – उत्तरी सलमारा से जोगीघोपा (North Salmara to Jogighopa)
59. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 31सी लम्बाई (235 किमी) – गलगलिया के पास से बिजनी (Near Galgalia to Bijni)
60. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 32 लम्बाई (179 किमी) – गोविंदपुर से जमशेदपुर (Gobindpur to Jamshedpur)
61. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 33 लम्बाई (352 किमी) – बरही से बहाराघोरा (Barhi to Baharagora)
62. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 34 लम्बाई (443 किमी) – दलकोला से कोलकाता (Dalkhola to Kolkata)
63. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 35 लम्बाई (61 किमी) – बरसात से भारत बांगलादेश सीमा (Barasat to India and Bangladesh border)
64. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 36 लम्बाई (170 किमी) – नौवगौँग से दीमापुर (मणिपुर रोड) (Nowgong to Dimapur)(Manipur Road)
65. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 37 लम्बाई (680 किमी) – गोलपरा से शैखोआघाट (Goalpara to Saikhoaghat)
66. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 37 ए लम्बाई (23 किमी) –कुआरीताल से राष्ट्रीय राजमार्ग 52 तक (Kuarital to Junction with NH 52)
67. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 38 लम्बाई (54 किमी) – मुकूम से लेखपानी (Makum to Lekhapani)
68. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 39 लम्बाई (436 किमी) – नुमालीगढ़ से भारत बर्मा सीमा (Numaligarh to Indo Burma Border)
69. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 40 लम्बाई (216 किमी) – जोरबाट से जोवाई (Jorabat to Jowai)
70. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 41 लम्बाई (51 किमी) – कोलाघाट से हल्दिया बंदरगाह (Kolaghat to Haldia Port)
71. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 42 लम्बाई (261 किमी) – संबलपुर से कटक के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के संगम तक (Sambalpur Angual Junction with NH5 near Cuttack)
72. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 43 लम्बाई (551 किमी) – उड़ीसा सीमा से जगदलपुर विज़ियानागरम नतवलासा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के संगम तक (Orissa border to Jagdalpur and Vizianagaram Junction with NH 5 near Natavalasa)
73. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 44 लम्बाई (630 किमी) – शिलौंग से सब्रूम (Shillong toभारत के लम्बाई (630 किमी) – शिलौंग से सब्रूम (Shillong to sambroom)

तथागत बुद्ध से संबंधित तथ्य...



1) बौद्ध धम्म के संस्थापक ~ तथागत बुद्ध
2) तथागत बुद्ध का जन्म ~ 563 ईसा पूर्व,
बुद्ध (वैशाख) पूर्णिमा को कपिलवस्तु की
लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ |
3) बुद्ध किस वंश से थे ~ शाक्य वंश
4) बुद्ध के पिता का नाम ~ शुद्धोधन
5) बुद्ध की माता का नाम ~ महामाया
6) बुद्ध के बचपन का नाम ~ सिद्धार्थ
7) सिद्धार्थ का पालन -पोषण किया था ~
प्रजापति गौतमी (सिद्धार्थ की मौसी)
8) बुद्ध के पिता राजा शुद्धोधन मुखिया थे ~
शाक्य गणराज्य के
9) बुद्ध की माँ महामाया किस वंश से संबंधित
थीं ~ कोलिय वंश
10) बुद्ध की पत्नी का नाम ~ यशोधरा / गोपा
/ बिम्बा / भद्कच्छना
11) बुद्ध के पुत्र का नाम ~ राहुल
12) बुद्ध ने किस अवस्था में गृह त्याग किया
था ~ 29 वर्ष
13) गृह त्याग की घटना क्या कहलाती है ~
महाभिनिष्क्रमण
14) बुद्ध के घोड़े का नाम ~ कन्थक
15) बुद्ध के सारथी का नाम ~ चन्ना (छन्दक)
16) सिद्धार्थ जब कपिलवस्तु की सैर पर
निकले तो उन्होंने चार दृश्य क्या देखा था ~
• बूढ़ा व्यक्ति • बीमार व्यक्ति • शव • संन्यासी
17) वे संन्यासी जिनसे गृहत्याग के बाद बुद्ध
की मुलाकात हुई ~ आलार कालाम और
ऊद्दक रामपुत्त
18) उरूवेला (बोधगया) में मिलने वाले पाँच
साधको के नाम ~ कौंडिन्य, वप्प, भद्दिय,
महानाम, अस्सागी
19) ज्ञान प्राप्ति से पहले किसने बुद्ध को खीर
खिलाया था ~ सुजाता
20) 35 वर्ष की आयु में बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति
कहाँ पर हुई थी ~ बोधगया [ फल्गु (निरंजना)
नदी के तट पर उरूवेला (बोधगया) नामक
स्थान पर ]
21) जिस वृक्ष के नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त
हुआ, कहलाता है ~ बोधिवृक्ष (पीपल)
22) बुद्ध ने प्रथम उपदेश कहाँ दिया ~ रिषिपत्तन (सारनाथ)
23) बुद्ध के प्रथम उपदेश को क्या कहा गया
~ धर्मचक्र प्रवर्तन
24) बुद्ध ने अपने उपदेश किस भाषा में दिए
~ पालि भाषा (धम्म लिपि)
25) बुद्ध का अर्थ है ~ ज्ञान, जागा हुआ या
ज्ञानी
26) एशिया का ज्योतिपुंज (Light of Asia)
किसे कहा जाता है ~ तथागत बुद्ध
27) तथागत का अर्थ ~ सत्य है ज्ञान जिसका
अर्थात बुद्ध
28) वह दिन जिस दिन तथागत बुद्ध को ज्ञान
प्राप्त हुआ था ~ बुद्ध (वैशाख) पूर्णिमा
29) वह स्थान जहाँ बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश
दिया ~ श्रावस्ती
30) 80 वर्ष की अवस्था में बुद्ध की मृत्यु कहाँ
पर हुई थी ~ कुशीनगर में
31) बुद्ध की मृत्यु कब हुई थी ~ 483 ईसा
पूर्व, बुद्ध (वैशाख) पूर्णिमा
32) बुद्ध की मृत्यु की घटना क्या कहलाता है
~ महापरिनिर्वाण
33) निर्वाण ~ तृष्णा के क्षीण होने की
अवस्था को ही बुद्ध ने निर्वाण कहा है
34) बौद्धों का पवित्र ग्रंथ ~ त्रिपिटक
35) त्रिपिटक के भाग ~
• सुत्तपिटक ~ बुद्ध के धार्मिक विचारों व
उपदेशों का संग्रह (बौद्ध धम्म के सिद्धांत)
• विनयपिटक ~ बौद्ध संघ के नियमों व
अनुशासन की व्याख्या
• अभिधम्म पिटक ~ बौद्ध मतों की दार्शनिक
व्याख्या (बौद्ध दर्शन)
36) पिटक शब्द का अर्थ ~ टोकरी, पेटी या
पिटारा
37) सुत्त पिटक के निकाय ~ दीघ, मज्झिम,
संयुक्त, अंगुत्तर, खुद्दक
38) बुद्ध के जीवन के अंतिम क्षणों का वर्णन
मिलता है ~ महापरिनिब्बानसूत्त (सबसे प्राचीन ग्रंथ)
39) चतुर्थ बौद्ध संगीति में बौद्ध धम्म दो भागों
में बँट गया ~
• हीनयान (थेरवाद) ~ जो बुद्ध के दिए हुए
सिद्धांत व दर्शन को ज्यों का त्यों मानते हैं
• महायान ~ जो बुद्ध के दिए हुए सिद्धांत व
दर्शन में परिवर्तन करके मानते हैं |
40) बौद्ध धम्म के त्रिरत्न ~ बुद्ध, धम्म, संघ
41) बुद्ध के अनुयायी शासक जो उनके
समकालीन थे ~ बिम्बिसार, प्रसेनजित, उदयन
42) त्रिपिटक की भाषा है ~ पालि भाषा
43) बौद्ध धम्म ग्रहण करने वाली प्रथम महिला
~ महाप्रजापति गौतमी
44) वह स्थान जहाँ बुद्ध वर्षा के मौसम में
प्रवास करते थे ~ बेलुवन और जेतवन
45) जेतवन को किसने बुद्ध के लिए दान
किया था ~ अनाथपिण्डक
46) त्रिपिटक का वह भाग जिसका संकलन
प्रथम बौद्ध संगीति में हुआ था ~ सुत्तपिटक और विनयपिटक
47) बुद्ध का परिनिर्वाण किस गणराज्य में
हुआ था ~ मल्ल गणराज्य
48) बुद्ध की प्रथम मूर्ति बनाने का श्रेय किस
कला को दिया जाता है ~ मथुरा कला
49) सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण किस
शैली में हुआ ~ गन्धार शैली
50) धार्मिक जलूस का प्रारंभ सबसे पहले
बौद्ध धम्म के द्वारा प्रारंभ किया गया
51) दु:ख, दु:ख का कारण, दु:ख निरोध, एवं
दु:ख निरोध के मार्ग को बुद्ध ने कहा है ~ चार आर्य सत्य
52) बौद्ध धम्म को भारत में किस शासक ने
अंतिम संरक्षण दिया ~ बंगाल के पाल वंश के शासकों ने
53) बुद्ध ने उपदेश दिया ~ मध्यम मार्ग
54) बौद्ध धम्म के अनुसार महापरिनिर्वाण
संभव है ~ मृत्यु के बाद | जबकि निर्वाण
प्राप्त हो सकता है ~ जीवनकाल में ही
55) कौन सा धर्म आत्मा और ईश्वर के
अस्तित्व को स्वीकार नही करता ~ बौद्ध धम्म
56) बौद्ध धम्म के लिए 84 हजार स्तूपों का
निर्माता कहा जाता है ~ सम्राट अशोक महान को
57) कर्मकांड व पशुबलि का विरोध किया था ~ बुद्ध ने
58) सम्यक दृष्टि, सम्यक वाणी, सम्यक
संकल्प, सम्यक कर्म, सम्यक आजीव, सम्यक
व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि ... को
बुद्ध ने कहा है ~ अष्टांगिक मार्ग
59) बुद्ध ने संघ मे स्त्रियों को प्रवेश की
अनुमति दी थी ~ प्रिय शिष्य आनंद के आग्रह पर
60) सम्राट अशोक द्वारा बनवाया हुआ
रूम्मिनदेई स्तंभ बुद्ध के संदर्भ में किसका
सूचक है ~ बुद्ध के जन्म का
61) गौतम बुद्ध द्वारा भिक्षुणी संघ की स्थापना
कहाँ की गई ~ कपिलवस्तु में
62) बुद्ध के जीवन काल में ही कौन संघ
प्रमुख होना चाहता था ~ देवदत्त
63) कुख्यात डाकू अंगुलिमाल को बुद्ध ने कैसे
परास्त किया ~ बातों के प्रभाव से
64) "बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय" किसने
कहा था ~ तथागत बुद्ध ने
65) भारत में सबसे पहले मानव प्रतिमाओं को
पूजा गया वह थी ~ बुद्ध की प्रतिमा
66) प्राचीन विश्व प्रसिद्ध बौद्ध शिक्षा केन्द्र ~
नालन्दा, तक्षशिला, विक्रमशिला
67) धातु के बने सिक्के सबसे पहले प्रकट हुए
थे ~ बुद्ध काल में
68) बुद्ध के उपदेशों का सार एवं सम्पूर्ण
शिक्षाओं का आधार स्तंभ है ~ प्रतीत्य समुत्पाद
69) अर्हत का अर्थ ~ जो व्यक्ति अपनी
साधना से निर्वाण प्राप्त करते हैं
70) बुद्ध ने कभी भी अपने मत को बलात
थोपने का प्रयास नहीं किया | वे कहा करते थे
कि यदि उनकी शिक्षाएँ अच्छी और तर्कसंगत
लगे तभी उन्हें ग्रहण किया जाए |
71) बौद्ध संगीतियाँ ~
• प्रथम ~ 483 ईसा पूर्व -- राजगृह (स्थान) --
बिम्बिसार (शासक) -- महाकस्सप (अध्यक्ष)
• द्वितीय ~ 383 ईसा पूर्व -- वैशाली (स्थान)
-- कालाशोक (शासक) -- साबाकामी (अध्यक्ष)
• तृतीय ~ 251 ईसा पूर्व -- पाटलिपुत्र
(स्थान) -- सम्राट अशोक (शासक) -- मोग्गलिपुत्त तिस्स (अध्यक्ष)
• चतुर्थ ~ 72 ईसा पूर्व -- कुण्डलवन (स्थान)
-- कनिष्क (शासक) -- वसुमित्र (अध्यक्ष)
72) बुद्ध से जुड़े आठ स्थान जिन्हें बौद्ध ग्रंथों
में "अष्टमहास्थान" कहा गया है ~ लुम्बिनी,
बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती,
संकिसा, राजगृह तथा वैशाली
73) बुद्ध के जीवन की चार महत्वपूर्ण घटना
और उनसे सम्बद्ध चार स्थान ~
• जन्म ~ लुम्बिनी • ज्ञान प्राप्ति ~ बोधगया
• प्रथम उपदेश ~ सारनाथ
• परिनिर्वाण (मृत्यु) ~ कुशीनगर
74) तथागत बुद्ध की मृत्यु चुन्द द्वारा अर्पित
भोजन "सूकरमद्दव" खाने के बाद हुआ | कुछ
विद्वानों ने सूकरमद्दव का अर्थ सूअर का मांस
निकाला है, किंतु यह तर्कसंगत नहीं है |
वस्तुतः यह एक वनस्पति / कवक थी जो
सूअर के मांद के पास उगती थी, जैसे कुकुरमुत्ता आदि |
पालि भाषा में ऐसे कई शब्द हैं जिनका प्रथम
अवयव सूअर है, जैसे ~ सूकरकन्द (शकरकन्द),
सूकर -पदिक (सूअर का पैर), सूकरेष्ट (सुअरों द्वारा इच्छित) |
75) बुद्ध के लिए प्रयुक्त अन्य शब्द और नाम
~ विश्वगुरु, तथागत, शाक्यमुनि, शाक्य -सिंह,
शाक्य शिरोमणि, गौतम
76) बुद्ध के जीवन से संबंधित बौद्ध धम्म के प्रतीक चिह्न ~
• जन्म ~ हाथी, कमल, सांढ
• गृह त्याग ~ घोड़ा
• ज्ञान प्राप्ति ~ बोधिवृक्ष (पीपल)
• निर्वाण ~ पदचिह्न
• महापरिनिर्वाण (मृत्यु) ~ स्तूप
77) बौद्ध धम्म के प्रतीक ~
• 563, नमो बुद्धाय , पंचशील ध्वज
• चार आर्य सत्य का चिह्न, तथागत बुद्ध का हाथ
• कमल, पदचिह्न, स्तूप, बोधिवृक्ष (पीपल का पेड़)
• हाथी, घोड़ा, शेर, हिरण, सांढ़, मोर, बाघ
• 32 तिल्लियों वाला चक्र, 24 तिल्लियों
वाला चक्र, 8 तिल्लियों वाला चक्र
• सम्राट अशोक स्तंभ (4 शेर वाला), सिंह
स्तंभ, अश्व (घोड़ा) स्तंभ, सांढ़ स्तंभ, हाथी स्तंभ
78) भारत ने अपने राज्य चिह्न के रूप में बौद्ध
प्रतीकों को ही ग्रहण किया है | जिसके कारण
वह शांति व सह अस्तित्व का पोषक बना हुआ है |
79) बुद्ध पूर्णिमा ~ इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म,
ज्ञान प्राप्ति, महापरिनिर्वाण हुआ | इस दिन लोगों को
अपने -अपने घरों में दीपावली की तरह दीप जलाकर
पूरे भारत को प्रकाशित करने का संदेश देना चाहिए |
क्योंकि इस दिन उस महान महापुरूष "विश्वगुरु
तथागत बुद्ध" का जन्म हुआ था जिसके ज्ञान के
प्रकाश से भारत ही नहीं अपितु पूरा विश्व आज भी
प्रकाशित है और हमेशा रहेगा |

नमामि बुद्धा 🙏 🇮🇳

Sunday, 15 October 2017

सुपर-100 अतिमत्त्वपूर्ण मिश्रित प्रश्नोत्तरी


० 🏼 1. प्रथम भारतीय महिला क्रिकेट टीम कप्तान – शांत रंगा स्वामी (कर्नाटक)
० 🏼 2. भारत की प्रथम महिला शासक – रजिया सुल्तान (1236)
० 🏼 3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष – एनी बेसेन्ट (1917)
० 🏼 4. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष – सरोजिनी नायडू
० 🏼 5. प्रथम क्रान्तिकारी महिला – मैडम कामा
० 🏼 6. देश के किसी राज्य विधायिकी की प्रथम महिला विधायिका – डॉ. एस. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी (मद्रास विधान परिषद् 1926)
० 🏼 7. भारत के किसी राज्य की विधान सभा की प्रथम महिला अध्यक्ष – श्रीमती शन्नो देवी
० 🏼 8. देश के किसी राज्य के मंत्रिमण्डल में प्रथम महिला मंत्री – विजय लक्ष्मी पंडित (संयुक्त प्रांत, 1937)
० 🏼 9. देश के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री – सुचेता कृपलानी (उत्तर प्रदेश, 1963)
० 🏼 10. देश के किसी राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल – सरोजिनी नायडू (उत्तर प्रदेश)
० 🏼 11. देश के किसी राज्य की प्रथम दलित मुख्यमंत्री – मायावती (उत्तर प्रदेश)
० 🏼 12. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री – इंदिरा गांधी (1966)
० 🏼 13. केन्द्रीय व्यवस्थापिका का प्रथम महिला सांसद – राधाबाई सुबारायन (1938)
० 🏼 14. राज्य सभा की प्रथम महिला उपसभापति – बायलेट अल्बा (1962)
० 🏼 15. राज्य सभा की प्रथम महिला सचिव – बी. एस. रमा देवी (1993)
० 🏼 16. देश के किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली प्रथम महिला अभिनेत्री – जानकी रामचंद्रन (तमिलनाडु 1987)
० 🏼 17. देश के किसी शहर की प्रथम महिला मेयर – तारा चेरियन (मद्रास 1957)
० 🏼 18. देश की प्रथम महिला राजदूत – विजयलक्ष्मी पंडित (सोवियत रूस 1947)
० 🏼 19. देश की प्रथम महिला न्यायिक अधिकारी (मुंसिफ) – अन्ना चांडी (भू. पू. ट्रावनकोर राज्य 1937)
० 🏼 20. संयुक्त राष्ट्र के महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष – विजयलक्ष्मी पंडित (1953)
21. देश की प्रथम महिला अधिवक्ता – रेगिना गुहा
० 🏼 22. देश की प्रथम महिला बैरिस्टर – कोर्नोलिया सोराबजी (इलाहाबाद उच्च न्यायालय, 1923)
० 🏼 23. उच्च न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश – न्यायमूर्ति अन्ना चांडी (केरल उच्च न्यायालय, 1959)
० 🏼 24. देश के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्य सचिव – पद्मा
० 🏼 25. उच्च न्यायालय की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश – न्यायमूर्ति लीला सेठ (हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, 1991)
० 🏼 26. सर्वोच्च न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश – न्यायमूर्ति मीरा साहिब फातिमा बीबी (1989)
० 🏼 27. आयकर न्यायाधिकरण की प्रथम महिला सदस्य – न्यायमूर्ति मीरा साहिब फातिमा बीबी
० 🏼 28. देश की प्रथम महिला सत्र न्यायाधीश – अन्ना चांडी (केरल, 1949)
० 🏼 29. उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की प्रथम महिला सचिव – प्रिया हिमोरानी
० 🏼 30. प्रथम महिला मजिस्ट्रेट – ओमना कुंजम्मा
० 🏼 31. संघीय लोक सेवा आयोग की प्रथम महिला अध्यक्ष – रोज मिलियन बैथ्यू (1992)
० 🏼 32. वेनिस फिल्मोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का गोल्डन लॉयन पुरस्कार पाने वाली प्रथम भारतीय महिला – मीरा नायर फिल्म-मानसून वैडिंग (2001)
० 🏼 33. सेना मेडल प्राप्त करने वाली प्रथम
महिला – विमला देवी (1988)
० 🏼 34. योजना आयोग की प्रथम महिला
अध्यक्ष – इंदिरा गांधी
० 🏼 35. देश की प्रथम महिला सर्जन – डॉ. प्रेमा मुखर्जी
० 🏼 36. अशोक चक्र (वर्तमान के शौर्य चक्र) प्राप्त करने वाली प्रथम महिला – ग्लोरिया बेरी (मरणोपरान्त)
० 🏼 37. किसी विश्वविद्यालय के छात्र संघ की प्रथम महिला अध्यक्ष – अंजु सचदेव (दिल्ली विश्वविद्यालय)
० 🏼 38. अशोक चक्र से सम्मानित प्रथम महिला – नीरजा मिश्र (मरणोपरान्त)
० 🏼 39. नोबेल पुरस्कार विजेता प्रथम महिला – मदर टेरेरसा (1978)
० 🏼 40. भारतरत्न से सम्मानित हाने वाली प्रथम महिला – इंदिरा गांधी (1971)
41. ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाली प्रथम
महिला – आशापूर्णा देवी (1976)
० 🏼 42. साहित्य अकादमी सम्मान पाने वाली प्रथम महिला – अमृता प्रीतम (1956)
० 🏼 43. मूर्ति देवी पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला – प्रतिभा राय
० 🏼 44. अर्जुन पुरस्कार से विभूषित प्रथम
महिला – एन. लम्सडेन (हॉकी, 1961)
० 🏼 45. लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला – देविका रानी रोरिक (1969)
० 🏼 46. ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय व प्रथम महिला – भानु अथैवा (वेशभूषा सज्जा हेतु, फिल्म गांधी, 1983)
० 🏼 47. मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाली प्रथम सम्मानित महिला – डॉ. अमृता पटेल (1992)
० 🏼 48. अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम अभिनेत्री – नरगिस दत्त (कार्लोबी बेरी
फिल्मोत्सव का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फिल्म मदंर इंडिया, 1958)
० 🏼 49. बर्लिन फिल्मोत्सव में पुरस्कार पाने वाली प्रथम महिला – मधुर जाफरी
🏼
50. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाली प्रथम अभिनेत्री – नरगिस दत्त (फिल्म रात और दिन, 1968)
० 🏼 51.अन्तर्राष्ट्रीय तैराकी मैराथन को जीतने वाली प्रथम महिला तैराक – अर्चना भारत कुमार पटेल (1988)
० 🏼 52. पावर लिफ्टिंग में विश्व कीर्तिमान कायम करने वाली प्रथम महिला – सुमिता लाहा (1989)
० 🏼 53. प्रथम महिला रैफरी (मुक्केबाजी) – रजिया शबनम
० 🏼 54. प्रथम अभिनेत्री जिसकी फिल्मों का सिंहावलोकन विदेश में (फ्रांस) करके सम्मानित किया गया – स्मिता पाटिल
० 🏼 55. विश्व की प्रथम कर्मशियल टेस्ट पायटल – कैप्टन सुसन डार्सी एवं कैप्टन रोज लोपर
० 🏼 56. वह प्रथम महिला जो केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) की सदस्य बनीं – सुश्री ईला चटर्जी
० 🏼 57. प्रथम भारतीय महिला जो प्रधानमंत्री की सचिव बनीं – श्रीमती सरला ग्रेवाल
० 🏼 58. वह प्रथम भारतीय महिला जिसने उल्लेखनीय नागरिक सेवा के लिए रैमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त किया – श्रीमती किरने बेदी
० 🏼 59. भारत की प्रथम लेनिन शांति पुरस्कार पाने वाली महिला – राजेश्वरी नेहरू (1960)
० 🏼 60. सर्वाधिक बार राष्ट्रीय स्क्वैस खिताब जीतने का श्रेय किसको है – भुवनेश्वरी कुमारी
61. भारत की प्रथम महिला चुनाव आयुक्त – श्रीमती बी. एस. रामादेवी (नवम्बर से दिसम्बर 1990)
० 🏼 62. महिलाओं में सर्वाधिक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली महिला – शबाना आजमी
० 🏼 63. भारत की प्रथम नेत्रहीन महिला सरंपच – सुश्री सुधाबेन काशी भाई पटेल
० 🏼 64. भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री – कल्पना चावला
० 🏼 65. मध्य प्रदेश की प्रथम महिला जज – सरोजी सक्सेना
० 🏼 66. मिस यूनीवर्स का खिताब पाने वाली प्रथम भारतीय महिला – सुष्मिता सेन
० 🏼 67. भारत में प्रथम शास्त्रीय संगीत पर विदेशी भाषा में पुस्तक लिखने वाली – इन्द्राणी रहमान
० 🏼 68. भारत की प्रथम महिला विमान
नियन्त्रक – सुश्री मुक्ति श्रीवास्तव
० 🏼 69. वह भारतीय महिला जो सबसे कम उम्र (19 वर्ष) में एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता पाई – डिकी डोल्मा
० 🏼 70. भारत की प्रथम महिला मुख्य महाडाकपाल – पद्मा बाला सुब्रह्मण्यम (चेन्नई)
० 🏼 71. एवरेस्ट शिखर पर दो बार चढ़ने वाली भारत की एकमात्र महिला – संतोष यादव
० 🏼 72. मुम्बई की प्रथम महिला नगर प्रमुख – निर्मला सामंत
० 🏼 73. केरल उच्च न्यायालय में नियुक्त होने वाली प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश – सुजाता बसन्त मनोहर
० 🏼 74. भारतीय उड्डयन के इतिहास में प्रथम बार हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली महिला – फ्लाइट कैडेट चेरिल दत्ता
० 🏼 75. भारतीय वायु सेना की प्रथम महिला पायलट – हरित कौर देवल
० 🏼 76. भारत की प्रथम भारतीय रेल चालिका – सुरेखा यादव
० 🏼 77. भारत की प्रथम महिला ट्रैफिक कण्ट्रोलर (ट्रेन) – कविता कालरा अरोड़ा
० 🏼 78. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परषिद् की प्रथम महानिदेशक – जी. वी. सत्यवती
० 🏼 79. प्रथम महिला मुख्य सचिव – निर्मला बुच
० 🏼 80. भारत की प्रथम एशियाई खेल में स्वर्ण पाने वाली महिला – कमलजीत सेंधू
81. वह प्रथम भारतीय महिला जिसका गाना रिकॉर्ड हुआ – शशिमुखी
० 🏼 82. भारत की प्रथम महिला जिसे जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार दिया गया – मदर टेरेसा
० 🏼 83. भारत की प्रथम मुस्लिम आई.पी.एस. महिला – कु. नुजहत खान
० 🏼 84. कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली प्रथम भारतीय महिला – सरोजिनी नायडू (1925)
० 🏼 85. पदम्श्री पुरस्कार पाने वाली प्रथम भारतीय फिल्मी कलाकार – नरगिस दत्त (1958)
० 🏼 86. भारत की प्रथम महिला क्रिकेट कमेंटेटर का नाम – चंद्रा नायडू (1977 इंदौर में)
० 🏼 87. भारत की प्रथम महिला डाकिया – के पद्माक्षी अम्मा
० 🏼 88. राष्ट्रीय महिला कोष के प्रथम संचालन मंडल की अध्यक्ष – बासब राजेश्वरी
० 🏼 89. प्रथम भारतीय महिला लेखिका जिसे ब्रिटेन का बुकर पुरस्कार दिया गया – अरुन्धती राय (दि गॉड ऑफ स्माल थिंग्स)
० 🏼 90. भारत की प्रथम महिला जिन्हें भारत एवं स्काउट गाइड के मुख्य आयुक्त पद पर निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त हुआ – माणिक वर्सले
० 🏼 91. पंजाब की प्रथम महिला मुख्यमंत्री – राजिन्दर कौर भट्टल
० 🏼 92. भारत की प्रथम महिला उपन्यासकार – स्वर्णकुमारी देवी
० 🏼 93. मजिस्ट्रेट बनने वाली प्रथम भारतीय महिला – मार्गरेट
० 🏼 94. भारत की प्रथम अंतरिक्ष विज्ञानी
महिला – सविता रानी
० 🏼 95. साहित्य अकादमी का फैलोशिप पाने वाली प्रथम भारतीय महिला – महादेवी वर्मा (1979)
० 🏼 96. एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला – बछेन्द्री पाल
० 🏼 97. प्रथम भारतीय महिला नौचालन इंजीनियर बनने का गौरव पाया – सोनाली बनर्जी
० 🏼 98. भारत की प्रथम महिला मर्चेन्ट नेवी ऑफिसर – सोनाली बनर्जी (जुलाई 2001)
० 🏼 99. भारत की प्रथम महिला विदेश सचिव – चोकिला अय्यर
० 🏼 100. केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड की प्रथम महिला अध्यक्ष – आशा

Saturday, 14 October 2017

भारतीय नदी(INDIAN RIVERS)


*1 सिन्धु नदी* :- 

•लम्बाई: (2,880km)
• उद्गम स्थल: मानसरोवर झील के निकट
• सहायक नदी:(तिब्बत) सतलुज, व्यास,
झेलम, चिनाब,
रावी, शिंगार,
गिलगित, श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह
—————————————
*2 झेलम नदी*
•लम्बाई: 720km
•उद्गम स्थल: शेषनाग झील,
जम्मू-कश्मीर
•सहायक नदी: किशन, गंगा, पुँछ लिदार,करेवाल,
सिंध जम्मू-कश्मीर,
कश्मीर
—————————————
*3 चिनाब नदी*
•लम्बाई: 1,180km
•उद्गम स्थल: बारालाचा दर्रे के निकट
•सहायक नदी: चन्द्रभागा जम्मू-कश्मीर
—————————————
*4 रावी नदी*
•लम्बाई: 725 km
•उद्गम स्थल:रोहतांग दर्रा,
कांगड़ा
•सहायक नदी :साहो, सुइल पंजाब
————————————–
*5 सतलुज नदी*
•लम्बाई: 1440 (1050)km •उद्गमस्थल:मानसरोवर के निकट राकसताल
•सहायक नदी : व्यास, स्पिती,
बस्पा हिमाचल प्रदेश, पंजाब
————————————
*6 व्यास नदी*
•लम्बाई: 470
•उद्गम स्थल: रोहतांग दर्रा •सहायक नदी:तीर्थन, पार्वती,
हुरला
—————————————
*7 गंगा नदी*
•लम्बाई :2,510 (2071)km •उद्गम स्थल: गंगोत्री के निकट गोमुख से
• सहायक नदी: यमुना, रामगंगा,
गोमती,
बागमती, गंडक,
कोसी,सोन,
अलकनंदा,
भागीरथी,
पिण्डार,
मंदाकिनी, उत्तरांचल,
उत्तर प्रदेश,
बिहार,
————————————–
*8 यमुना नदी*
•लम्बाई: 1375km
•उद्गम स्थल: यमुनोत्री ग्लेशियर
•सहायक नदी: चम्बल, बेतवा, केन,
टोंस, गिरी,
काली, सिंध,
आसन
————————————-
*9 रामगंगा नदी*
•लम्बाई: 690km
•उद्गम स्थल:नैनीताल के निकट एक हिमनदी से
• सहायक नदी:खोन
—————————————
*10 घाघरा नदी*
•लम्बाई: 1,080 km
•उद्गम स्थल:मप्सातुंग (नेपाल)
• सहायक नदी:हिमनद शारदा, करनली,
कुवाना, राप्ती,
चौकिया,
————————————–
*11 गंडक नदी*
•लम्बाई: 425km
•उद्गम स्थल: नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट •सहायक नदी :काली गंडक,
त्रिशूल, गंगा
————————————–
*12 कोसी नदी*
•लम्बाई: 730km
•उद्गम स्थल: नेपाल में सप्तकोशिकी
(गोंसाईधाम)
•सहायक नदी: इन्द्रावती,
तामुर, अरुण,
कोसी
————————————–
*13 चम्बल नदी*
•लम्बाई: 960 km
•उद्गम स्थल:मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से
•सहायक नदी :काली सिंध,
सिप्ता,
पार्वती, बनास
—————————————
*14 बेतवा नदी*
•लम्बाई: 480km
•उद्गम स्थल: भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
—————————————
*15 सोन नदी*
•लम्बाई: 770 km
•उद्गमस्थल:अमरकंटक की पहाड़ियों से
•सहायक नदी:रिहन्द, कुनहड़
—————————————
*16 दामोदर नदी*
•लम्बाई: 600km
•उद्गम स्थल: छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व
•सहायक नदी:कोनार,
जामुनिया,
बराकर झारखण्ड,
पश्चिम बंगाल
—————————————
*17 ब्रह्मपुत्र नदी*
•लम्बाई: 2,880km
•उद्गम स्थल: मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो)
•सहायक नदी: घनसिरी,
कपिली,
सुवनसिती,
मानस, लोहित,
नोवा, पद्मा,
दिहांग अरुणाचल प्रदेश, असम
————————————
*18 महानदी*
•लम्बाई: 890km
•उद्गम स्थल: सिहावा के निकट रायपुर
•सहायक नदी: सियोनाथ,
हसदेव, उंग, ईब,
ब्राह्मणी,
वैतरणी मध्य प्रदेश,
छत्तीसगढ़,
उड़ीसा
————————————–
*19 वैतरणी नदी*
• लम्बाई: 333km
•उद्गम स्थल:क्योंझर पठार उड़ीसा
—————————————
*20 स्वर्ण रेखा*
•लम्बाई: 480km
•उद्गम स्थल ;छोटा नागपुर पठार उड़ीसा,
झारखण्ड,
पश्चिम बंगाल
—————————————
*21 गोदावरी नदी*
•लम्बाई: 1,450km
•उद्गम स्थल: नासिक की पहाड़ियों से 
•सहायक नदी:प्राणहिता,
पेनगंगा, वर्धा,
वेनगंगा,
इन्द्रावती,
मंजीरा, पुरना महाराष्ट्र,
कर्नाटक,
आन्ध्र प्रदेश
———–;;—;——————–
*22 कृष्णा नदी*
•लम्बाई: 1,290km
•उद्गम स्थल: महाबलेश्वर के निकट
•सहायक नदी: कोयना, यरला,
वर्णा, पंचगंगा,
दूधगंगा,
घाटप्रभा,
मालप्रभा,
भीमा, तुंगप्रभा,
मूसी महाराष्ट्र,
कर्नाटक,
आन्ध्र प्रदेश
—————————————
*23 कावेरी नदी*
•लम्बाई: 760km
•उद्गम स्थल: केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी
•सहायक नदी:हेमावती,
लोकपावना,
शिमला, भवानी,
अमरावती,
स्वर्णवती कर्नाटक,
तमिलनाडु
—————————————
*24 नर्मदा नदी*
•लम्बाई: 1,312km 
•उद्गम स्थल :अमरकंटक चोटी
•सहायक नदी: तवा, शेर, शक्कर,
दूधी, बर्ना मध्य प्रदेश,
गुजरात
————————————–
*25 ताप्ती नदी*
•लम्बाई: 724km
•उद्गम स्थल: मुल्ताई से (बेतूल)
•सहायक नदी: पूरणा, बेतूल,
गंजल, गोमई मध्य प्रदेश,
गुजरात
—————————————
*26 साबरमती*
•लम्बाई: 716km
•उद्गम स्थल: जयसमंद झील
(उदयपुर)
•सहायक नदी:वाकल, हाथमती राजस्थान,
गुजरात
————————————-
*27 लूनी नदी*
•उद्गम स्थल: नाग पहाड़ •सहायक नदी:सुकड़ी, जनाई,
बांडी राजस्थान,
गुजरात,
मिरूडी,
जोजरी
————————————–
*28 बनास नदी*
•उद्गम स्थल: खमनौर पहाड़ियों से
•सहायक नदी :सोड्रा, मौसी,
खारी कर्नाटक,
तमिलनाडु
—————————————
*29 माही नदी*
•उद्गम स्थल: मेहद झील से •सहायक नदी:सोम, जोखम,
अनास, सोरन मध्य प्रदेश,
गुजरात
—————————————
*30 हुगली नदी*
•उद्गम स्थल: नवद्वीप के निकट
•सहायक नदी: जलांगी
—————————————
*31 उत्तरी पेन्नार*
•लम्बाई: 570km
•उद्गम स्थल: नंदी दुर्ग पहाड़ी •सहायक नदी:पाआधनी,
चित्रावती,
सागीलेरू
—————————————
*32 तुंगभद्रा नदी*
•उद्गम स्थल: पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी
•सहायक नदी:कुमुदवती, वर्धा,
हगरी, हिंद, तुंगा,
भद्रा
—————————————
*33 मयूसा नदी*
•उद्गम स्थल: आसोनोरा के निकट
•सहायक नदी: मेदेई
—————————————
*34 साबरी नदी*
•लम्बाई: 418km
•उद्गम स्थल: सुईकरम पहाड़ी •सहायक नदी:सिलेरु
—————————————
*35 इन्द्रावती नदी*
•लम्बाई: 531km 
•उद्गम स्थल :कालाहाण्डी,
उड़ीसा
•सहायक नदी: नारंगी, कोटरी
—————————————
*36 क्षिप्रा नदी*
•उद्गम स्थल: काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर
•सहायक नदी: चम्बल नदी
—————————————
*37 शारदा नदी*
•लम्बाई: 602km
•उद्गम स्थल: मिलाम हिमनद,
हिमालय, कुमायूँ
•सहायक नदी:घाघरा नदी
—————————————
*38 तवा नदी*
•उद्गम स्थल: महादेव पर्वत,
पंचमढ़ी
•सहायक नदी:नर्मदा नदी
—————————————
*39 हसदो नदी*
•सहायक नदी: सरगुजा में कैमूर पहाड़ियाँ
•सहायक नदी:महानदी
—————————————
*40 काली सिंध नदी*
•लम्बाई: 416 km
•उद्गम स्थल:बागलो, ज़िला देवास,विंध्याचल पर्वत
•सहायक नदी:यमुना नदी
—————————————
*41 सिन्ध नदी*
•उद्गम स्थल: सिरोज, गुना ज़िला
•सहायक नदी: चम्बल नदी
—————————————
*42 केन नदी*
•उद्गम स्थल: विंध्याचल श्रेणी •सहायक नदी:यमुना नदी
—————————————
*43 पार्वती नदी*
•उद्गम स्थल: विंध्याचल, मध्य प्रदेश
•सहायक नदी :चम्बल नदी
—————————————
*44 घग्घर नदी*
•उद्गम स्थल: कालका,
हिमाचल प्रदेश
—————————————
*45 बाण गंगा नदी*
•लम्बाई: 494km
•उद्गम स्थल: बैराठ पहाड़ियाँ, जयपुर
•सहायक नदी:यमुना नदी
—————————————
*46 सोम नदी*
•उद्गम स्थल: बीछा मेंड़ा,
उदयपुर
•सहायक नदी: नजोखम, गोमती,
सारनी
—————————————
*47 आयड़ या बेडच नदी* •लम्बाई :190km
•उद्गम स्थल:गोमुण्डा पहाड़ी, उदयपुर
•सहायक नदी:बनास नदी
—————————————
*48 दक्षिण पिनाकिन*
•लम्बाई: 400km
•उद्गम स्थल: चेन्ना केशव पहाड़ी,
कर्नाटक
—————————————
*49 दक्षिणी टोंस*
•लम्बाई: 265km
•उद्गम स्थल: तमसा कुंड, कैमूर पहाड़ी
—————————————
*50 दामन गंगा नदी*
•उद्गम स्थल: पश्चिम घाट
—————————————
*51 गिरना नदी*
•उद्गम स्थल: पश्चिम घाट,
ननासिक

Thursday, 12 October 2017

😊 Top 50 sports😊

😊 Top 50 sports😊

1. किस भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने सर्वप्रथम ओलम्पिक पदक जीता? – *लिएंटर पेस ने*

2. शीतकालीन ओलम्पिक खेल किस वर्ष प्रारंभ किए गए? – *1924 ई. में*

3. ‘नेटवेस्ट ट्राफी’ किस खेल से संबंधित है? – *क्रिकेट से*

4. कबड्डी खेल के एक पक्ष में खिलाड़ियों की संख्या कितनी होती है? – *7 (सात)*

5. ओलम्पिक म्यूजियम कहाँ स्थित है? – *लोसाने (स्विट्जरलैंड) में*

6. भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है? – *हॉकी*

7. गोल्फ गेंद का वजन कितना होता है? – *1.5 औंस*

8. टाइगर वुड्स किस देश के गोल्फ खिलाड़ी है? – *U.S.A.*

9. ‘शिवाजी स्टेडियम’ (दिल्ली) किस खेल से संबद्ध है? – *हॉकी से*

10. ‘बनाना किक’ शब्द किस खेल से संबद्ध है? – *फुटबॉल से*

11. किसी अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में खिताब जीतने वाला भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी अपर्णा पोपट ने कौन-सा खिताब जीता? – *फ्रेंच ओपन बैडमिंटन का*

12. ‘सडेन हेथ’ शब्द किस खेल से संबद्ध है? – *कुश्ती से*

13. भारत का सबसे पुराना फुटबॉल क्लब कौन-सा है? – *(1889 में स्थापित)*

14. ‘बुल्स आई’ किस खेल स्पर्धा से संबंद्ध है? – *निशानेबाजी से*

15. चीन का राष्ट्रीय खेल क्या है? – *टेबल टेनिस*

16. अंजली भागवत किस खेल से सम्बन्धित है? – *राइफल शूटिंग से*

17. ‘ग्राउंड स्ट्रोक’ शब्द किस खेल से संबंधित है? – *टेबल टेनिस से*

18. ‘सवाई मानसिंह स्टेडियम’ कहाँ स्थित है? – *जयपुर में*

19. पोलो खेल में प्रत्येक पक्ष के खिलाड़ियों की संख्या कितनी होती है? – *4*

20. अमेरिका कप किस खेल से संबंधित है? – *बास्केटबॉल से*

21. किस खेल को प्रारंभ करने के तरीके को गैम्बिट कहा जाता है? – *शतरंज को*

22. ‘रोइंग’ शब्द किस खेल से संबद्ध है? – *नौकायन से*

23. ‘चाइना कप’ किस खेल से संबंधित है? – *जिमनास्टिक से*

24. फर्नांडो अलोंसो किस खेल से संबंधित है? – *फार्मूला-1 रेस*

25. वालीबॉल को एशियाई खेलों में किस वर्ष शामिल किया गया? – *1958 ई. में*

26. प्रथम डेविड डिक्सन पुरस्कार किसे प्रदान किया गया था? – *नताली डु तोइट को*

27. ट्रेफलगर ट्रॉफी किसे प्रदान की जाती है? – *राष्ट्रमण्डलीय खेलों में भारोत्तोलन की चैम्पियनशिप जीतने वाले देश को*

28. राष्ट्रमंडल खेल का आदर्श वाक्य क्या है? – *ह्यूमनिटी, इक्वलीटि एवं डेस्टिनी*

29. एशियाई खेलों का प्रतीक चिन्ह क्या है? – *चमकता सूरज*

30. जिमनास्टिक में किस आधार पर अंक दिए जाते हैं? – *परेशानी, नवीनता, शालीनता, और आश्वस्त गति के आधार पर*

31. ओलम्पिक खेल कितने वर्षों के अंतराल में आयोजित किए जाते हैं? – *4 वर्ष के अंतराल पर*

32. भारत की ओर से ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाली प्रथम महिला कौन-थी? – *मेरी लीला रो*

33. गामिनी, संजीवनी, अमर, ब्राह्मणी-ये किस खेल के विविध रूप हैं? – *कबड्डी के*

34. किस भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का गौरव प्राप्त है? – *सचिन तेंदुलकर को*

35. हॉकी के खेल का परिमाप कितना होता है? – *100 गज × 60 गज*

36. हॉकी में एक टीम कितने खिलाड़ी बदल सकती है? – *3 खिलाड़ी*

37. प्रसिद्ध गोल्फ खिलाड़ी विजय सिंह किस देश के हैं? – *फिजी के*

38. पंजाब के जालंधर जिले के किस गाँव को ‘नर्सरी ऑफ हॉकी प्लेयर्स’ कहा जाता है? – *संसारपुर*

39. ‘थॉमस कप’ किस खेल से सम्बन्धित है? – *बैडमिंटन*

40. ‘द वर्ल्ड विनीथ फिट’ बैडमिंटन के किस कोच की जीवन कथा है? – *पी. गोपीचंद की*

41. सुशील कुमार किस खेल स्पर्धा से संबद्ध हैं? – *कुश्ती से*

42. ‘सॉसर’ किस खेल का दूसरा नाम है? – *फुटबॉल का*

43. फुटबॉल के गेंद की परिधि कितनी होती है? – *27 इंच से 28 इंच तक (68.5 सेमी. से 71 सेमी)*

44. फुटबॉल का ‘साल्ट लेक स्टेडियम’ कहा है? – *कोलकाता (भारत) में*

45. ‘ए शॉट एट हिस्ट्री’ के लेखक कौन हैं? – *अभिनव बिन्द्रा*

46. मानवजीत सिंह किस खेल से संबद्ध है? – *निशानेबाजी से*

47. भारत में टेबल टेनिस एसोसिएसन कब बना? – *1938 ई. में*

48. ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से विख्यात भारतीय धावक का नाम क्या है? – *मिल्खा सिंह*

49. वर्ष 1868 में मार्किवस ऑफ क्वींसबरी द्वारा किस खेल के नियमों का निर्धारण किया गया था? – *बॉक्सिंग का*

50. चेज, फ्रीजो एव एवं पोन शब्द किस खेल से संबंधित है? – *खो-खो से*

Tuesday, 10 October 2017

संघर्ष और सफलता

Today in History
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पिकासो (Picasso) स्पेन में जन्मे एक अति प्रसिद्ध चित्रकार थे। उनकी पेंटिंग्स दुनिया भर में करोड़ों और अरबों रुपयों में बिका करती थीं...!!
एक दिन रास्ते से गुजरते समय एक महिला की नजर पिकासो पर पड़ी और संयोग से उस महिला ने उन्हें पहचान लिया। वह दौड़ी हुई उनके पास आयी और बोली, 'सर, मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूँ। आपकी पेंटिंग्स मुझे बहुत ज्यादा पसंद हैं। क्या आप मेरे लिए भी एक पेंटिंग बनायेंगे...!!?'
पिकासो हँसते हुए बोले, 'मैं यहाँ खाली हाथ हूँ। मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैं फिर कभी आपके लिए एक पेंटिंग बना दूंगा..!!'
लेकिन उस महिला ने भी जिद पकड़ ली, 'मुझे अभी एक पेंटिंग बना दीजिये, बाद में पता नहीं मैं आपसे मिल पाऊँगी या नहीं।'
पिकासो ने जेब से एक छोटा सा कागज निकाला और अपने पेन से उसपर कुछ बनाने लगे। करीब 10 सेकेण्ड के अंदर पिकासो ने पेंटिंग बनायीं और कहा, 'यह लो, यह मिलियन डॉलर की पेंटिंग है।'
महिला को बड़ा अजीब लगा कि पिकासो ने बस 10 सेकेण्ड में जल्दी से एक काम चलाऊ पेंटिंग बना दी है और बोल रहे हैं कि मिलियन डॉलर की पेंटिग है। उसने वह पेंटिंग ली और बिना कुछ बोले अपने घर आ गयी..!!
उसे लगा पिकासो उसको पागल बना रहा है। वह बाजार गयी और उस पेंटिंग की कीमत पता की। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह पेंटिंग वास्तव में मिलियन डॉलर की थी...!!
वह भागी-भागी एक बार फिर पिकासो के पास आयी और बोली, 'सर आपने बिलकुल सही कहा था। यह तो मिलियन डॉलर की ही पेंटिंग है।'
पिकासो ने हँसते हुए कहा,'मैंने तो आपसे पहले ही कहा था।'
वह महिला बोली, 'सर, आप मुझे अपनी स्टूडेंट बना लीजिये और मुझे भी पेंटिंग बनानी सिखा दीजिये। जैसे आपने 10 सेकेण्ड में मिलियन डॉलर की पेंटिंग बना दी, वैसे ही मैं भी 10 सेकेण्ड में न सही, 10 मिनट में ही अच्छी पेंटिंग बना सकूँ, मुझे ऐसा बना दीजिये।'
पिकासो ने हँसते हुए कहा, 'यह पेंटिंग, जो मैंने 10 सेकेण्ड में बनायी है...
इसे सीखने में मुझे 30 साल का समय लगा है। मैंने अपने जीवन के 30 साल सीखने में दिए हैं..!! तुम भी दो, सीख जाओगी..!!
वह महिला अवाक् और निःशब्द होकर पिकासो को देखती रह गयी...!!
दोस्तो, जब हम दूसरों को सफल होता देखते हैं, तो हमें यह सब बड़ा आसान लगता है...!!
हम कहते हैं, यार, यह इंसान तो बड़ी जल्दी और बड़ी आसानी से सफल हो गया....!!!
लेकिन मेरे दोस्त,
उस एक सफलता के पीछे कितने वर्षों की मेहनत छिपी है, यह कोई नहीं देख पाता....!!!
सफलता तो बड़ी आसानी से मिल जाती है, शर्त यह है कि सफलता की तैयारी में अपना जीवन कुर्बान करना होता है...!!
जो खुद को तपा कर, संघर्ष कर अनुभव हासिल करता है, वह कामयाब हो जाता है लेकिन दूसरों को लगता है कि वह कितनी आसानी से सफल हो गया...!!
मेरे दोस्त, परीक्षा तो केवल 3 घंटे की होती है,
लेकिन उन 3 घण्टों के लिए पूरे साल तैयारी करनी पड़ती है तो फिर आप रातों-रात सफल होने का सपना कैसे देख सकते हो...!!?
सफलता अनुभव और संघर्ष मांगती है और, अगर आप देने को तैयार हैं, तो आपको आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता....!!!

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