😊सरदार वल्लभ भाई पटेल 😊जरूर पढ़ें ,इन पर प्रश्न बन सकता है 😊
*🔸जन्म*-31 अक्टूबर 1875
*🔸जन्म स्थान*- गुजरात के नाडियाड में
*🔸उपनाम*-लोह पुरुष , सरदार ,बिस्मार्क, शेर ए हिंदुस्तान
*🔸सरदार जी की जाति*- पाटीदार-गुर्जर( कुछ जगह कुर्मी)
*🔸पिता का नाम*-झावेर भाई पटेल
*🔸माता का नाम*-लाडवा पटेल
*🔸पत्नी का नाम*- झावेरबा (1893 विवाह )
*🔸प्रारंभिक शिक्षा*-कारमसद
*🔸मैट्रिक की परीक्षा पास की*-1897
*🔸जिला अधिवक्ता की परीक्षा उत्तीर्ण*-1900 में
*🔸व्यवसाय*-वकालत, राजनीति
*🔸1920 वकालत की प्रैक्टिस शुरू की*-गोधरा में
*🔸वकालत के दौरान नाम कमाया*-क्रिमिनल लॉयर
*🔸सरदार पटेल इंग्लैंड गए*- जुलाई 1910 में
*🔸इंग्लैंड में लॉ की पढ़ाई की*- मिडल टेंपल में
*🔸मिडल टेंपल के बेरिस्टर बने*-जनवरी 1993
*🔸स्वदेश वापसी*-13 फरवरी 1913
*🔸गुजरात सभा के मेंबर*- 1915 में
*🔸1917 में चुने गए*- अहमदाबाद मुनिसिपलिटी के काउंसलर
*🔸प्रथम बार गांधी जी से सीधा संपर्क हुआ*-नवंबर 1917 में
*🔸अहमदाबाद में अकाल राहत का प्रबंधन किया*-1918 में
*🔸नो टैक्स आंदोलन का सफल नेतृत्व*-खेड़ा जिले में वसूले जा रहे हैं लेड रेवन्यू के विरुद्ध 1918 में
*🔸स्वदेशी वस्तुएं अपनाई*- 1920 के असहयोग आंदोलन में
*🔸1921 में अध्यक्ष बने*- 36वें अहमदाबाद अधिवेशन की स्वागत कमेटी के अध्यक्ष बने
*🔸बोरसद में सत्याग्रह किया*- 1922-23 में
*🔸गांधी जी द्वारा वल्लभभाई को कहा गया*-किंग ऑफ बोरसद
*🔸1923 में अध्यक्ष बने*- अहमदाबाद नगर पालिका के निर्वाचित अध्यक्ष बने
*🔸मोरबी काठियावाड़ सम्मेलन की अध्यक्षता की*- 1928 में (अहमदाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर)
*🔸नो-टेक्स सत्याग्रह अभियान का सफल नेतृत्व*- 1928 में खेड़ा जिले के किसानों के बारडोली में
*🔸सरदार की उपाधि प्रदान की*-खेड़ा जिले की बारडोली की महिलाओं के द्वारा
*🔸1928 में राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में उपाधि को मान्यता दी*-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में सरदार उपाधि को सार्वजनिक मानयता दी गई
*🔸महाराष्ट्र राजनीतिक सम्मेलन की अध्यक्षता*-1929 में
*🔸7 मार्च 1930 को साबरमती जेल भेजा गया*- गांधी जी के नमक सत्याग्रह के पक्ष में प्रचार करने के कारण
*🔸साबरमती जेल से रिहा किया गया*-26 जून 1930 को
*🔸1931 में अध्यक्षता की*- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की
*🔸जनवरी 1932 से जुलाई 1934 तक कैद रखा गया*- सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर गांधी जी के साथ यरवदा जेल में
*🔸1934 में रिहा किया गया*- नाक की गंभीर बीमारी के कारण
*🔸1935 से 1942 तक चेयरमैन*-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संसदीय बोर्ड के
*🔸गृह सूचना और प्रसारण मंत्री बने*-2 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार में
*🔸विट्ठल भाई महाविद्यालय का उद्घाटन किया*- 4 अप्रैल 1947
*🔸भारत सरकार द्वारा रियासतों के विलय हेतु नया विभाग बनाया गया*-25 जून 1947 को रियासतों के लिए सरदार पटेल की अधीनता में एक नया विभाग का निर्माण
*🔸स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री*- सरदार वल्लभ भाई पटेल 15 अगस्त 1947 को गृह स्टेटस सूचना और प्रसारण मंत्री बने
*🔸भारत के उप-प्रधानमंत्री*- 15 अगस्त 1947 से 15 दिसंबर 1950
*🔸सोमनाथ पतन का दौरा किया*- 13 नवंबर 1947 को
*🔸सरदार पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की गई*- नागपुर, बनारस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा 3,25 और 27 नवंबर 1948 को
*🔸भावनगर राज्य संघ की स्थापना*-15 फरवरी 1948
*🔸राजस्थान राज्य संघ की स्थापना*7 अप्रैल 1948 को
*🔸मध्य भारत संघ की स्थापना का एग्रीमेंट*-22 अप्रैल 1948 को
*🔸उस्मानिया विश्वविद्यालय द्वारा उपाधि दी गई*- 26 फरवरी 1949 को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री
*🔸नेहरु जी की विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली*-7 अक्टूबर से 15 नवंबर 1949 तक
*🔸भारत रत्न से सम्मानित किया गया*-1991 में उनकी मृत्यु के 41 वर्ष बाद
*🔸भारत के भू राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के कारण जाना जाता है*-बिस्मार्क और लोह पुरुष
*🔸सरदार पटेल की मृत्यु*-15 दिसंबर 1950 को
*🔸सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का शिलान्यास*-31 अक्टूबर 2013 को गुजरात के नर्मदा जिले में ,137 वी जयंती के मौके पर
*🔸सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का नाम रखा गया*- एकता की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी )
*🔸स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई*-स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (93 मीटर )से डबल
*🔸विशेष योगदान*- देशी रियासतों का विलय ,स्वतंत्र भारत की पहली उपलब्धि थी और निर्विवाद रुप से सरदार पटेल का इसमें महत्वपूर्ण योगदान था
*🔸नीतिगत दृढ़ता के लिए गांधीजी ने इन्हें कहा*लौह पुरुष और सरदार
*🔸सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को मनाया जाता है*- राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में वर्ष 2014 से
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🌻सरदार वल्लभ भाई पटेल का सम्मान- उपाधि- पुरुस्कार🌻
*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल को टाइम विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट कीडिग्री से नवाजा गया नागपुर बनारस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा 3,25 और 27 नवंबर 1948 को सरदार वल्लभ भाई पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की गई*
*♨26 फरवरी 1949 को उस्मानिया विश्वविद्यालय ने सरदार पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की*
*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल के अभूतपूर्व कार्यों के लिए इनकी मृत्यु के 41 साल पश्चात 1991 में इन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया*
*♨इनके सम्मान में अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया*
*♨गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार पटेल विश्वविद्यालय खोला गया*
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*⚜🌺स्टैच्यू ऑफ यूनिटी🌺⚜*
*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल के अविस्मरणीय कार्य के लिए उन्हें सम्मान देने के लिए उनकी याद में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया जा रहा है गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में एक स्मारक बनाया जा रहा है*
*♨जिसका नाम एकता की मूर्ति स्टेचू ऑफ यूनिटी रखा गया है यह स्मारक सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा देश हित के कार्य में दिए गए सहयोग के लिए उन्हें सम्मान के रूप में दिया जा रहा है सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी*
*♨31 अक्टूबर 2013 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140 की जयंती के अवसर पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार के इस स्मारक का शिलान्यास किया गया है*
*♨इसका नाम एकता की मूर्ति रखा गया है यह मूर्ति स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी से दुगनी उच्चाई वाली बनाई जाएगी इस प्रतिमा को एक छोटे चट्टानी द्वीप पर स्थापित किया जाएगा जो केवाडिया में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के मध्य में है यह प्रतिमा 5 वर्ष में तैयार होनी है*
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*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं राष्ट्रीय एकीकरण कर एकता का एक ऐसा स्वरूप दिया जिसके बारे में उस वक्त कोई भी नहीं सोच सकता था*
*♨उनके इसी कार्य और सोच के कारण उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है सरदार वल्लभ भाई पटेल के नीतिगत दृढ़ता द्वारा किए गए कार्यों के लिए सरदार लोहपुरुष बिस्मार्क आदि नामों से जाना जाता है*
🌻देशी रियासतों के विलय में भूमिका🌻🍃🌻*
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*♨स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे। इस सबसे भी बढ़कर उनकी ख्याति भारतके रजवाड़ों को शान्तिपूर्ण तरीक़े से भारतीय संघ में शामिल करने तथा भारत के राजनीतिक एकीकरण के कारण है।*
*♨5 जुलाई, 1947 को सरदार पटेल ने रियासतों के प्रति नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि- "रियासतों को तीन विषयों 'सुरक्षा', 'विदेश' तथा 'संचार व्यवस्था' के आधार पर भारतीय संघ में शामिल किया जाएगा।"*
*♨धीरे-धीरे बहुत-सी देसी रियासतों के शासक भोपाल के नवाब से अलग हो गये और इस तरह नवस्थापित रियासती विभाग की योजना को सफलता मिली।*
*♨भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया, जो स्वयं में संप्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था।*
*♨सरदार पटेल ने आज़ादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पी.वी. मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था।*
*♨पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हें स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन रियासतें- हैदराबाद, कश्मीरऔर जूनागढ़ को छोडकर शेष सभी राजवाड़ों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।*
*♨15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष भारतीय रियासतें 'भारत संघ' में सम्मिलित हो चुकी थीं जो भारतीय इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि थी।*
*♨जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और इस प्रकार जूनागढ भी भारत में मिला लिया गया।*
*♨जब हैदराबाद के निज़ाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निज़ाम का आत्मसमर्पण करा लिया।*
*🔸जन्म*-31 अक्टूबर 1875
*🔸जन्म स्थान*- गुजरात के नाडियाड में
*🔸उपनाम*-लोह पुरुष , सरदार ,बिस्मार्क, शेर ए हिंदुस्तान
*🔸सरदार जी की जाति*- पाटीदार-गुर्जर( कुछ जगह कुर्मी)
*🔸पिता का नाम*-झावेर भाई पटेल
*🔸माता का नाम*-लाडवा पटेल
*🔸पत्नी का नाम*- झावेरबा (1893 विवाह )
*🔸प्रारंभिक शिक्षा*-कारमसद
*🔸मैट्रिक की परीक्षा पास की*-1897
*🔸जिला अधिवक्ता की परीक्षा उत्तीर्ण*-1900 में
*🔸व्यवसाय*-वकालत, राजनीति
*🔸1920 वकालत की प्रैक्टिस शुरू की*-गोधरा में
*🔸वकालत के दौरान नाम कमाया*-क्रिमिनल लॉयर
*🔸सरदार पटेल इंग्लैंड गए*- जुलाई 1910 में
*🔸इंग्लैंड में लॉ की पढ़ाई की*- मिडल टेंपल में
*🔸मिडल टेंपल के बेरिस्टर बने*-जनवरी 1993
*🔸स्वदेश वापसी*-13 फरवरी 1913
*🔸गुजरात सभा के मेंबर*- 1915 में
*🔸1917 में चुने गए*- अहमदाबाद मुनिसिपलिटी के काउंसलर
*🔸प्रथम बार गांधी जी से सीधा संपर्क हुआ*-नवंबर 1917 में
*🔸अहमदाबाद में अकाल राहत का प्रबंधन किया*-1918 में
*🔸नो टैक्स आंदोलन का सफल नेतृत्व*-खेड़ा जिले में वसूले जा रहे हैं लेड रेवन्यू के विरुद्ध 1918 में
*🔸स्वदेशी वस्तुएं अपनाई*- 1920 के असहयोग आंदोलन में
*🔸1921 में अध्यक्ष बने*- 36वें अहमदाबाद अधिवेशन की स्वागत कमेटी के अध्यक्ष बने
*🔸बोरसद में सत्याग्रह किया*- 1922-23 में
*🔸गांधी जी द्वारा वल्लभभाई को कहा गया*-किंग ऑफ बोरसद
*🔸1923 में अध्यक्ष बने*- अहमदाबाद नगर पालिका के निर्वाचित अध्यक्ष बने
*🔸मोरबी काठियावाड़ सम्मेलन की अध्यक्षता की*- 1928 में (अहमदाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर)
*🔸नो-टेक्स सत्याग्रह अभियान का सफल नेतृत्व*- 1928 में खेड़ा जिले के किसानों के बारडोली में
*🔸सरदार की उपाधि प्रदान की*-खेड़ा जिले की बारडोली की महिलाओं के द्वारा
*🔸1928 में राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में उपाधि को मान्यता दी*-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में सरदार उपाधि को सार्वजनिक मानयता दी गई
*🔸महाराष्ट्र राजनीतिक सम्मेलन की अध्यक्षता*-1929 में
*🔸7 मार्च 1930 को साबरमती जेल भेजा गया*- गांधी जी के नमक सत्याग्रह के पक्ष में प्रचार करने के कारण
*🔸साबरमती जेल से रिहा किया गया*-26 जून 1930 को
*🔸1931 में अध्यक्षता की*- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की
*🔸जनवरी 1932 से जुलाई 1934 तक कैद रखा गया*- सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर गांधी जी के साथ यरवदा जेल में
*🔸1934 में रिहा किया गया*- नाक की गंभीर बीमारी के कारण
*🔸1935 से 1942 तक चेयरमैन*-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संसदीय बोर्ड के
*🔸गृह सूचना और प्रसारण मंत्री बने*-2 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार में
*🔸विट्ठल भाई महाविद्यालय का उद्घाटन किया*- 4 अप्रैल 1947
*🔸भारत सरकार द्वारा रियासतों के विलय हेतु नया विभाग बनाया गया*-25 जून 1947 को रियासतों के लिए सरदार पटेल की अधीनता में एक नया विभाग का निर्माण
*🔸स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री*- सरदार वल्लभ भाई पटेल 15 अगस्त 1947 को गृह स्टेटस सूचना और प्रसारण मंत्री बने
*🔸भारत के उप-प्रधानमंत्री*- 15 अगस्त 1947 से 15 दिसंबर 1950
*🔸सोमनाथ पतन का दौरा किया*- 13 नवंबर 1947 को
*🔸सरदार पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की गई*- नागपुर, बनारस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा 3,25 और 27 नवंबर 1948 को
*🔸भावनगर राज्य संघ की स्थापना*-15 फरवरी 1948
*🔸राजस्थान राज्य संघ की स्थापना*7 अप्रैल 1948 को
*🔸मध्य भारत संघ की स्थापना का एग्रीमेंट*-22 अप्रैल 1948 को
*🔸उस्मानिया विश्वविद्यालय द्वारा उपाधि दी गई*- 26 फरवरी 1949 को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री
*🔸नेहरु जी की विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली*-7 अक्टूबर से 15 नवंबर 1949 तक
*🔸भारत रत्न से सम्मानित किया गया*-1991 में उनकी मृत्यु के 41 वर्ष बाद
*🔸भारत के भू राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के कारण जाना जाता है*-बिस्मार्क और लोह पुरुष
*🔸सरदार पटेल की मृत्यु*-15 दिसंबर 1950 को
*🔸सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का शिलान्यास*-31 अक्टूबर 2013 को गुजरात के नर्मदा जिले में ,137 वी जयंती के मौके पर
*🔸सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्मारक का नाम रखा गया*- एकता की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी )
*🔸स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई*-स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (93 मीटर )से डबल
*🔸विशेष योगदान*- देशी रियासतों का विलय ,स्वतंत्र भारत की पहली उपलब्धि थी और निर्विवाद रुप से सरदार पटेल का इसमें महत्वपूर्ण योगदान था
*🔸नीतिगत दृढ़ता के लिए गांधीजी ने इन्हें कहा*लौह पुरुष और सरदार
*🔸सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को मनाया जाता है*- राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में वर्ष 2014 से
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🌻सरदार वल्लभ भाई पटेल का सम्मान- उपाधि- पुरुस्कार🌻
*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल को टाइम विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट कीडिग्री से नवाजा गया नागपुर बनारस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा 3,25 और 27 नवंबर 1948 को सरदार वल्लभ भाई पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की गई*
*♨26 फरवरी 1949 को उस्मानिया विश्वविद्यालय ने सरदार पटेल को डॉक्टर ऑफ लॉ डिग्री प्रदान की*
*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल के अभूतपूर्व कार्यों के लिए इनकी मृत्यु के 41 साल पश्चात 1991 में इन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया*
*♨इनके सम्मान में अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया*
*♨गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार पटेल विश्वविद्यालय खोला गया*
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*⚜🌺स्टैच्यू ऑफ यूनिटी🌺⚜*
*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल के अविस्मरणीय कार्य के लिए उन्हें सम्मान देने के लिए उनकी याद में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया जा रहा है गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में एक स्मारक बनाया जा रहा है*
*♨जिसका नाम एकता की मूर्ति स्टेचू ऑफ यूनिटी रखा गया है यह स्मारक सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा देश हित के कार्य में दिए गए सहयोग के लिए उन्हें सम्मान के रूप में दिया जा रहा है सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी*
*♨31 अक्टूबर 2013 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140 की जयंती के अवसर पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार के इस स्मारक का शिलान्यास किया गया है*
*♨इसका नाम एकता की मूर्ति रखा गया है यह मूर्ति स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी से दुगनी उच्चाई वाली बनाई जाएगी इस प्रतिमा को एक छोटे चट्टानी द्वीप पर स्थापित किया जाएगा जो केवाडिया में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के मध्य में है यह प्रतिमा 5 वर्ष में तैयार होनी है*
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*♨सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं राष्ट्रीय एकीकरण कर एकता का एक ऐसा स्वरूप दिया जिसके बारे में उस वक्त कोई भी नहीं सोच सकता था*
*♨उनके इसी कार्य और सोच के कारण उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है सरदार वल्लभ भाई पटेल के नीतिगत दृढ़ता द्वारा किए गए कार्यों के लिए सरदार लोहपुरुष बिस्मार्क आदि नामों से जाना जाता है*
🌻देशी रियासतों के विलय में भूमिका🌻🍃🌻*
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*♨स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे। इस सबसे भी बढ़कर उनकी ख्याति भारतके रजवाड़ों को शान्तिपूर्ण तरीक़े से भारतीय संघ में शामिल करने तथा भारत के राजनीतिक एकीकरण के कारण है।*
*♨5 जुलाई, 1947 को सरदार पटेल ने रियासतों के प्रति नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि- "रियासतों को तीन विषयों 'सुरक्षा', 'विदेश' तथा 'संचार व्यवस्था' के आधार पर भारतीय संघ में शामिल किया जाएगा।"*
*♨धीरे-धीरे बहुत-सी देसी रियासतों के शासक भोपाल के नवाब से अलग हो गये और इस तरह नवस्थापित रियासती विभाग की योजना को सफलता मिली।*
*♨भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया, जो स्वयं में संप्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था।*
*♨सरदार पटेल ने आज़ादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पी.वी. मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था।*
*♨पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हें स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन रियासतें- हैदराबाद, कश्मीरऔर जूनागढ़ को छोडकर शेष सभी राजवाड़ों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।*
*♨15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष भारतीय रियासतें 'भारत संघ' में सम्मिलित हो चुकी थीं जो भारतीय इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि थी।*
*♨जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और इस प्रकार जूनागढ भी भारत में मिला लिया गया।*
*♨जब हैदराबाद के निज़ाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निज़ाम का आत्मसमर्पण करा लिया।*
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